सीएमपीडीआई में पूरे हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया गया

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sunil verma

रांची: सीएमपीडीआई द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में 7.5 लाख मीटर ड्रिलिंग के मुकाबले दिसम्बर, 2024 तक 5.57 लाख मीटर ड्रिलिंग की गयी है जिसमें से 2.48 लाख मीटर विभागीय संसाधन के जरिए हुई है। साथ ही 190 लाइन किलोमीटर 2डी/3डी सिस्मिक सर्वे के विभागीय लक्ष्य के मुकाबले दिसम्बर, 2023 तक 60.45 लाइन किलो मीटर सिस्मिक सर्वे किया जा चुका है। 26 जनवरी, 2024 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय झंडा फहराने के पश्चात् अपने अभिभाषण में उक्त बातें सीएमपीडीआई के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री मनोज कुमार ने कहीं। इस अवसर पर निदेशक (तकनीकी/सीआरडी) श्री शंकर नागाचारी, निदेशक (तकनीकी/ईएस) श्री सतीश झा, मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री सुमीत कुमार सिन्हा, वरीय सलाहकार (माइनिंग) श्री ए0के0 राणा, कस्तूरी महिला सभा की अध्यक्षा श्रीमती रूपाली गुप्ता, श्रीमती किरण झा, जेसीसी सदस्य एवं श्रमिक प्रतिनिधि, सीएमओएआई के प्रतिनिधि सहित सीएमपीडीआई परिवार के सदस्य उपस्थित थे। श्री कुमार ने कहा कि कोयला एवं गैर-कोयला क्षेत्र में एनएमईटी के माध्यम से गवेषण का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक कुल 41 प्रस्ताव दिए गए हैं जिसमें गैर कोयला ब्लॉक्स के 4 प्रस्ताव सहित कुल 27 प्रस्ताव स्वीकृृत किए गए है वहीं गैर कोयला क्षेत्र में गवेषण के तहत सीएमपीडीआई ने 1 बॉक्साइट ब्लॉक की भूवैज्ञानिक रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है एवं कॉपर, लेड और जिंक जैसे बेस मेटल में एक प्रोजेक्ट में गवेषण शुरू हो गया है। दिसम्बर, 2023 तक कुल 242 रिपोर्ट तैयार कर लिया गया है जिसमें 22 जियोलाजिकल रिपोर्ट्स (जीआर) और 24 प्रोजेक्ट रिपोटर््स (पीआर) शामिल हैं। 22 जीआर के जरिए लगभग 449 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को शामिल कर विस्तृत गवेषण के माध्यम से 8 बिलियन टन अतिरिक्त कोल रिजर्वस को प्रमाणित श्रेणी में लाया गया है वहीं 82 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता बढ़ोत्तरी वाली 24 पीआर भी तैयार की गयी है। प्रमाणित श्रेणी के कोयला संसाधन को 1976 के 21 बिलियन टन के स्तर से 1 अप्रैल, 2023 तक लगभग 200 बिलियन टन किया गया है जिसमें अधिकांश कार्य सीएमपीडीआई द्वारा ही किया गया है। ज्ञात हो कि कोल इंडिया ने चालू वित्त वर्ष के कोयला उत्पादन के 780 मिलियन टन वार्षिक लक्ष्य की तुलना में 23.01.2024 तक 589 मिलियन टन कोयला उत्पादन हासिल किया है। देश के कुल कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की भागीदारी 79 प्रतिशत है। कोल इंडिया की इस सफलता में सीएमपीडीआई प्रदत्त सेवाओं का प्रमुख योगदान है।