AMIT RANJAN
भूमि डिजिटल इंडिया, भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम की जमीनी हकीकत देखने आई दिल्ली की टीम,
सिमडेगा जिला में 99.9% काम हुआ है झारखंड के और जिलों को भी इस से प्रेरित होकर काम करने की जरूरत है
सिमड़ेगा/कोलेबिरा: केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा डिजिटल इंडिया लैंड रिकार्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत कार्य के कारण पिछले साल देशभर के लगभग कुल 75 जिलों का चयन किया गया था, झारखंड के 9 जिलों में से सिमडेगा जिला को भी भूमि सम्मान पुरस्कार मिला था। इसी कार्य की जमीनी हकीकत को जानने दिल्ली से IIPA इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की टीम रिसर्च एवं इंपेक्ट स्टडी करने आई हुई हैं। जो भू-अभिलेख शाखा सहित अन्य शाखाओं के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच किसानों से फीडबैक ले रही हैं। इसे लेकर अंचल सदर अंतर्गत राजस्व ग्राम खूंटीटोली एवं सलडेगा, जलडेगा प्रखंड अंतर्गत कई पंचायत और कोलेबिरा प्रखंड अंतर्गत कई पंचायत पहुंच कर सामुदायिक भवन में रैयतों से से रूबरू हुए।
इसका उद्देश्य भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन
में व्यावहारिक सुधार लाना है।यह पहल भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण जैसे सीधे उद्देश्यों पर केंद्रित है। इसका लक्ष्य पारंपरिक मैनुअल और कागज-आधारित प्रणालियों को बदलना है। अवसर पर भारतीय लोक प्रशासनिक संस्थान से आई दिव्या वशिष्ठ ने कहा इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाना, विसंगतियों को कम करने के साथ आम किसान व आम लोगो तक पहुंच बढ़ाना था। निश्चित रूप से सिमडेगा जिला में 99.9% काम हुआ है झारखंड के और जिलों को भी इस से प्रेरित होकर काम करने की जरूरत है सिमडेगा जिला निश्चित रूप से प्लैटिनम अवार्ड की हकदार थी।