sunil
रांची: परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य भगवान श्री विद्यासागर महामुनिराज श्रमण संस्कृति के यशस्वी संवाहक होने के साथ साथ राष्ट्रहित चिंतक भी थे, इसीलिये उन्होंने अपने जीवन के दीर्घकालिक साधनाकाल में धर्मतीर्थों के जीर्णोद्धार के साथ साथ भारत के राष्ट्रीय मिशन बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत अनेकों प्रतिभास्थली का निर्माण भी करवाया, गौवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिये अनेकों गौशालायें खुलवाईं, श्रमदान और रोजगार को बढ़ावा देने के लिये हथकरघा संचालित करने की प्रेरणा दी और राष्ट्र निर्माण की भावना से इंडिया नही भारत बोलो का राष्ट्रव्यापी नारा दिया! ऐसे महान कल्याणकारी सर्वोदयी संत युगों – युगों में कभी कभी अवतरित होतें हैं। हमारा भारत ऐसे दिव्य संत को पाकर गौरवान्वित ही हुआ है। परम पूज्य 108 सुधा सागर महाराज, पूज्य 108 प्रमाण सागर महाराज ने भी आचार्य भगवान की समाधि के पश्चात अपने विनयांजलि संदेश में भी इस संबंध में अपने विचार रखे।कांग्रेस पार्टी और समग्र जैन समाज के साथ साथ सभी देशवासियों का भारत सरकार से एक ही निवेदन है कि ऐसे महान ज्योतिर्मय संत को भारत रत्न के दिव्य अलंकरण से विभूषित किया जाये। यद्यपि वे तो विश्वरत्न और संपूर्ण जगत के यशस्वी रत्न हैं लेकिन हमारी भावना है कि परम पूज्य जैन आचार्य भगवान श्री विद्यासागर महाराज को भारत रत्न दिया जाये ।