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युवाओं पर हुए एफआईआर को रद्द करें
रांची: झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक सरकार द्वारा युवाओं के आवाज को दबाने का एक सोची समझी षड्यंत्र। जो सरकार के घोटालों के खिलाफ बोलेगा वो जेल जायेगा। निवर्तमान अध्यक्ष का इस्तीफा महज एक दिखावा। सरकार ने जान बुझ कर किया गलत एजेंसियों का चयन किया है । भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक अमित मंडल ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि गठबंधन सरकार में राज्य की युवाओं के साथ धोखा किया जा रहा है। 2019 से लेकर अब तक आयोजित जेएसएससी एवं जेपीएससी की सभी परीक्षा की जांच सीबीआई से कराई जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार में कई विरोधाभास देखने को मिलती है। नियुक्ति नियमावली, नियोजन नीति एवं भाषा का विवाद हुआ वो राज्य की युवाओं से छुपा नही है। किजेएसएससी एवं जेपीएससी मुद्दों को लेकर भाजपा शुरू से ही युवाओं के हक-अधिकार को लेकर सड़क से लेकर सदन तक लड़ती रही। भाजपा विधायकों एवं कार्यकतार्ओं के लेकिन राज्य सरकार ने भाजपा के कार्यकतार्ओं के ऊपर लाठीचार्ज की, यहां तक कि संगीन धारा लगाकर एफआईआर दर्ज की। पेपर लीक मामले एवं अन्य ब्लैक लिस्टेड एजेंसी और सरकार के लोगो की मिलीभगत का प्रमाण राज्य की जनता देख रही है। कहा कि झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक सरकार द्वारा युवाओं के आवाज को दबाने का एक सोची समझी षड्यंत्र है। जो सरकार के घोटालों के खिलाफ बोलेगा वो जेल जायेगा। कि हेमन्त सरकार में जितने भी एजेंसी परीक्षा में शामिल रहे सभी किसी न किसी राज्य में बैन किया गया है, ब्लैक लिस्टेड है या कार्यवाई चल रही है।