रांची : बाल विवाह एवं बच्चों-महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षित बचपन-खुशहाल जीवन अभियान का समापन बाल दिवस के अवसर पर किया गया। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के नेतृत्व में यूनिसेफ, एक्सआईएसएस तथा जेएसएलपीएस के सहयोग से झारखंड के 12 जिलों में 15 दिवसीय जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया, जिसका समापन बाल दिवस के अवसर पर किया गया। यह अभियान झारखंड के 12 जिलों – चतरा, देवघर, दुमका, गढ़वा, गोड्डा, गिरिडीह, हजारीबाग, जामताड़ा, पलामू, पाकुड़ , साहिबगंज और पश्चिमी सिंहभूम में जिला प्रशासन के नेतृत्व में झारखंड राज्य बाल अधिकार सोसाइटी (जेएससीपीएस) महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, जेएसएलपीएस, यूनिसेफ तथा एक्सआईएसएस के सहयोग से चलाया गया। इस अभियान के तहत जिलों में जागरूकता तथा उन्मुखीकरण कार्यक्रम के माध्यम से बाल विवाह जैसी कुरीतियों तथा महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने को लेकर लोगों को जागरूक किया गया। इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डा. कनीनिका मित्र ने कहा, इस अभियान की शुरूआत 31 अक्टूबर को की गई थी। दो हफ्तों के इस अभियान में बाल विवाह के मुद्दे पर पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के बाल विवाह निषेध अधिकारियों तथा धार्मिक एवं पारंपरिक नेताओं को व्यापक रूप से प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में भागीदारीपूर्ण गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभागियों को जागरूक किया गया। जैसे कि बाल विवाह की समाप्ति तथा बच्चों एवं महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने को लेकर शपथ कार्यक्रम। स्कूली लड़कों एवं लड़कियों के बीच चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, बाल विवाह की समाप्ति के लिए चैंपियन के रूप में कार्य करने वाले बच्चों तथा परिवारों की पहचान कर उन्हें सम्मानित किया गया, लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने तथा उन्हें बाल विवाह से बचाव हेतु ह्यसावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजनाह्ण से जोड़ा गया। मीडिया उन्मुखीकरण कार्यक्रम तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन भी इस अभियान के दौरान किया गया। इसके अलावा, अभियान के दौरान, अधिकारियों ने लोगों से 112 या 1098 नंबर पर रिपोर्ट करके बाल विवाह के मामलों को रोकने की अपील की। अभियान के हिस्से के रूप में, बाल विवाह और बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए एक जिला संचार योजना विकसित की गई है, जिसे सभी संबंधित विभागों और हितधारकों को शामिल करते हुए प्रत्येक जिले में लागू किया गया है। यह व्यापक योजना बाल विवाह और बाल हिंसा को खत्म करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है और 12 जिलों में एक समन्वित प्रयास को सुनिश्चित करती है।