Eksandeshlive Desk
पलामू : झारखंड के पलामू स्थित नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय में सोमवार को तृतीय दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल राज्य के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने विद्यार्थियों से महान स्वतंत्रता सेनानी नीलाम्बर एवं पीताम्बर के आदर्शों से प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित में सदैव तत्पर करने का आह्वान किया। दीक्षांत समारोह के संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ज्ञान ही सबसे बड़ी पूंजी है और इसी पूंजी से राष्ट्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है। शिक्षा के साथ उन्होंने चरित्र निर्माण पर बल दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय में स्वच्छ, सुन्दर और अच्छा माहौल बनाने की बात कही। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान, कौशल और प्रतिभा का उपयोग समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए करें।
विश्वविद्यालयों को हर हाल में अकादमिक कैलेण्डर का पालन करना होगा : राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों और शोधार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह उपाधि केवल एक प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि आपके सपनों, संघर्ष और जिम्मेदारियों का प्रतीक है। आप सभी को केवल अपने कॅरियर तक सीमित न रहकर समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए संकल्पित होना है। राज्यपाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय महान स्वतंत्रता सेनानी नीलाम्बर एवं पीताम्बर के नाम पर स्थापित है, उन्होंने दोनों वीर सपूतों को नमन करते हुए कहा कि उनका जीवन सबको साहस, कर्तव्य और त्याग की प्रेरणा देता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित में सदैव तत्पर रहें। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को नियमित कक्षाएं संचालित करने, समय पर परीक्षा आयोजित करने और विद्यार्थियों को बिना देर डिग्री प्रदान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह का विलम्ब केवल विद्यार्थियों ही नहीं, बल्कि उनके परिवार और पूरे समाज को प्रभावित करता है। विश्वविद्यालयों को हर हाल में अकादमिक कैलेण्डर का पालन करना होगा। उनका स्पष्ट निर्देश है कि विद्यार्थियों को हर हाल में गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराई जाए।
हमारा राज्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभी बहुत पीछे : राज्यपाल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा राज्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभी बहुत पीछे है। राज्य के बाहर के विद्यार्थी यहां नामांकन तो नहीं ही लेते हैं,साथ ही ये भी देखने को मिलता है कि यहां के अनेक विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए बाहर पलायन करते हैं। इस स्थिति को बदलना अत्यंत आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प की ओर अग्रसर है और इसमें युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि से बनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, शिक्षा को रोजगारोन्मुख, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप बना रही है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में छात्राओं की संख्या छात्रों की अपेक्षाकृत अधिक देखने को मिल रही है, जो महिला सशक्तिकरण और विकसित भारत की सशक्त झलक प्रस्तुत करती है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि झारखंड के युवा विकसित भारत के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाएंगे। इससे पूर्व राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में महर्षि विश्वामित्र केन्द्रीय पुस्तकालय का लोकार्पण भी किया।