तीन छात्राएं एडमिट कार्ड नही मिलने की वजह से मैट्रिक परीक्षा से हुई वंचित

360° Education Ek Sandesh Live

अजय राज

परिजनों ने हेडमास्टर पर लापरवाही का लगाया आरोप



प्रतापपुर(चतरा): एक तरफ सरकार बेटियों को पढ़ाई को लेकर हर तरह की सुविधा तथा सहूलियतें देने के लिए कृत संकल्पित है वहीं थोड़ी सी लापरवाही से उनका भविष्य पर भी आंच आ रही है। ताजा मामला उत्क्रमित उच्च विद्यालय मझिगांवां से फॉर्म भरने वाले कुछ छात्राओं का है। जिन्हे स्कूल प्रशासन की लापरवाही की वजह से मैट्रिक परीक्षा से हाथ धोना पड़ गया तथा उनका एक साल की पढ़ाई तथा मेहनत बर्बाद हो गया। बताते चलें की प्रखंड के सिदकी पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय मझिगांवां से फॉर्म भरने वाले तीन छात्राओं को मैट्रिक परीक्षा से इस लिए वंचित होना पड़ा क्यों की स्कूल के शिक्षक की लापवाही से गजवा की पूनम कुमार, ननई गांव की सुमन कुमारी तथा मझिगांवां की रहने वाली प्रियंका कुमारी का फॉर्म ऑनलाइन नही हो पाया तथा इस कारण उनका एडमिट कार्ड जैक बोर्ड द्वारा नही भेजा गया। एडमिट कार्ड नही आने से उन्हे परीक्षा देने से मना कर दिया गया। पूरे मामले को लेकर जब उक्त स्कूल के हेड मास्टर हरीश मिश्रा से पूछा गया तो वो कोई संतोष पूर्ण जवाब नही दे पाए। उनके द्वारा कभी यह कहा गया की ऑनलाइन करने के लिए हंटरगंज कंप्यूटर वाले को दिए थे वहीं नही किया तो कभी यह बोलते हैं की जैक बोर्ड से हीं एडमिट कार्ड नही भेजा गया। वहीं इस मामले को लेकर परीक्षा से वंचित की गई एक छात्रा प्रियंका कुमारी के पिता पंकज मिस्त्री ने कहा की पिछले 10 दिन से एडमिट कार्ड नही मिलने को लेकर उत्क्रमित उच्च विद्यालय मझिगांवां के प्रधानाध्यापक हरीश मिश्रा से पूछते पूछते थक गए परंतु ये हर बार यही बात बोल के टाल देते थे की आ जाएगा एडमिट कार्ड हम प्रयास कर रहे हैं। दर्जनों बार मिलने तथा फोन करने के बाद भी मुझे सिर्फ धोखा में रखा गया और जब मैट्रिक का परीक्षा शुरू होने के एक दिन पहले मिले तो बोलने लगे की नही होगा फॉर्म शायद नही भरा जा सका है ऑपरेटर गलती किया है। यह सुनकर मेरी बेटी रात दिन रो रही है। वो बार बार बोल रही है की मेरा एक साल बर्बाद हो गया। 10 किलोमीटर दूर प्रतापपुर साइकिल से जाकर जो कोचिंग किए पढ़ाई किए जो समय गया उसका भरपाई कौन करेगा। जब हम फॉर्म भरने के लिए सारा पैसा दे दिए थे तो फिर फॉर्म क्यों नही सर भरें। अब सवाल यह उठता है की मैट्रिक जैसे इतने महत्वपूर्ण परीक्षा फॉर्म भरने में प्रधानाध्यापक के द्वारा लापरवाही क्यों बरती गई जिससे तीन बच्चियों का समय और पैसा बर्बाद हुआ जिसकी भरपाई कौन करेगा।। क्यों की बीता हुआ समय लौटकर नही आ सकता। सारे मामले पर संबंधित पदाधिकारी को संज्ञान लेने की जरूरत है ऐसा परीक्षा से वंचित किए गए बच्चियों के अभिभावकों ने कहा।।

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