Kamesh Thakur
रांची: उत्पाद सिपाही बहाली में हुये मौत और बिमार उसकी जिम्मेवारी सरकार को लेनी चाहिए तथा मृतकों के आश्रितों को नौकरी तथा उचित मुआवजा तत्काल प्रदान करना चाहिए साथ ही साथ नियमावली को संशोधन किये बिना आगे की कारवाई पर रोक होनी चाहिए। उक्त बाते नेशनल फॉरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहदेव राम ने कही। उन्होनें ने कहा कि 583 उत्पाद सिपाही पद के लिए 01 सितम्बर तक 1 लाख पैतालीस हजार अभ्यर्थी शामिल हुए। जिसमें 90 हजार अभ्यर्थियों को दौड़ में सफल कराकर सूचि बनाई गई, जिसमें अब तक 12 से अधिक अभ्यर्थियों की मौत तथा 400 बिमार हुये। जिसके लिए सरकार की व्यवस्था में लापरवाही को दशार्ता है।
उन्होने कहा कि बिहार राज्य पुलिस भर्ती नियमावली में पुरुषों के लिए 6 मिनट में 1.6 किलोमीटर तथा महिलाओं के लिए 5 मिनट में 1 किलोमीटर की दौड़ निर्धारित है। इससे सटा राज्य छत्तीसगढ़ में भी पुरूषों के लिए 1.5 किलोमीटर तथा महिलाओं के लिए 1 किलोमीटर निर्धारित है, उसी प्रकार पश्चिम बंगाल तथा अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार की नियमावली है, किन्तु झारखण्ड सरकार अपनी मर्जी से नियमावली तैयार कर इस भीषण गर्मी भूख और प्यास से भिखरते हुए युवाओं को नंगे पांव दौड़ा कर मौत के घाट उतार देना तथा बिमार कराना निश्चित रूप से सरकार की मनमानी है।
