विभावि ने किया नामांकन में एक साथ तीन कीर्तिमान स्थापित

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Eksandeshlive Desk

हजारीबाग: विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में पैरवी मुक्त नामांकन लेकर झारखंड राज्य में एक नया कीर्तिमान को स्थापित किया है। कुलपति प्रो चंद्र भूषण शर्मा ने सख्त निर्देश दिए थे कि किसी भी कीमत पर नामांकन प्रक्रिया को अंत तक पारदर्शी और विवाद मुक्त रखना है। विश्वविद्यालय के नामांकन कोषांग तथा चांसलर पोर्टल के नोडल पदाधिकारी डॉ इंद्रजीत कुमार ने बताया कि कुलपति के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करते हुए नामांकन प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं होने दी गई है। परिणाम स्वरूप पीछे के दरवाजे से एक भी नामांकन नहीं लिया गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर डॉ इंद्रजीत कुमार ने बताया कि पूरी नामांकन प्रक्रिया राज्य सरकार के आरक्षण रोस्टर के अनुसार एवं मेधा को आधार बनाकर संपन्न किया गया है। एक भी ऐसा नामांकन नहीं लिया गया है जहां पर अधिक अंक वाले को नहीं लेकर उससे कम अंक वाले का नामांकन हुआ हो। डॉ इंद्रजीत कुमार ने बताया कि पूरे नामांकन प्रक्रिया को कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर के द्वारा संचालित किया गया है जिसमें उनके संभाग के सहयोगी दीपू कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। समय से पहले किसी बाहरी व्यक्ति से डेटा को साझा नहीं किया गया है। इसके साथ ही तीसरी मेधा सूची के आधार पर नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन, अर्थात 20 अगस्त की शाम पांच बजे के आंकड़ों के अनुसार, विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने सर्वाधिक नामांकन सुनिश्चित कर झारखंड में सर्वाधिक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (GER) प्राप्त किया है। इसके साथ ही झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों में विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने अपने अव्वल स्थान को बरकरार रखा है।

डॉ इंद्रजीत कुमार ने बताया कि विभावि में अभी तक कुल 40992, विद्यार्थियों ने नामांकन लिया है। राज्य में 33009 नामांकन के साथ रांची विश्वविद्यालय, रांची दूसरे स्थान पर है तथा 29861 नामांकन लेकर सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका तीसरे स्थान पर है। डॉ इंद्रजीत कुमार ने यह भी जानकारी दी ‘कुल फॉर्म जमा के आलोक में कुल नामांकन का प्रतिशत’ अर्थात ‘कन्वर्जन’ के मामले में भी विश्वविद्यालय झारखंड में प्रथम स्थान पर है। नामांकन संबंधी आवेदन सर्वाधिक रांची विश्वविद्यालय को 68774 प्राप्त हुए थे। विभावि को 67028 तथा सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय को 54699 आवेदन प्राप्त हुए थे। इस प्रकार कन्वर्जन में 61 प्रतिशत के साथ विभावि प्रथम स्थान पर है। एसकेएमयू, दुमका को 55 प्रतिशत तथा 47 प्रतिशत के साथ रांची विश्वविद्यालय कन्वर्जन में काफी पीछे है।

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