झारखंड विधानसभा का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया, रजत जयंती समारोह का राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने किया शुभारम्भ
Eksandeshlive Desk
रांची : झारखंड विधानसभा का शानिवार को 25वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। झारखंड विधानसभा की रजत जयंती पर राज्य के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ सदन के वर्तमान और पूर्व सदस्यों को दी। राजधानी रांची स्थित विधानसभा भवन में आयोजित इस बड़े समारोह का शुभारंभ राज्य के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद अध्यक्ष ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र में जनता की ओर से चुने गए विधायक न केवल राज्य में कानून-निर्माण प्रक्रिया के महत्वपूर्ण अंग होते हैं, बल्कि वे जनता और सरकार के बीच एक सशक्त सेतु की भूमिका भी निभाते हैं। यह पावन स्थल राज्य के विकास की दिशा निर्धारित करता है, जनता की आकांक्षाओं को स्वर देता है और लोकतंत्र की वास्तविक शक्ति को प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र केवल बहस का मंच नहीं होता, यह नीति-निर्धारण का मुख्य केंद्र है तथा जनता की अपेक्षाओं, विश्वास और आशाओं का सजीव प्रतिबिंब भी है।
जनता से मिला अधिकार सेवा का अवसर है, सत्ता का साधन नहीं
राज्यपाल ने कहा कि विधायक और जन-प्रतिनिधि का सबसे बड़ा दायित्व जनता के विश्वास को बनाए रखना है। जनता की ओर से दिया गया अधिकार सेवा का अवसर है, सत्ता का साधन नहीं। विधायकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी योजनाओं का लाभ राज्य के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। विधानसभा की गरिमा बनाए रखना, स्वस्थ और सार्थक बहस करना तथा संविधान की मर्यादाओं का पालन करना प्रत्येक जनप्रतिनिधि का पवित्र कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र स्वस्थ चर्चा से मजबूत होता है, टकराव से नहीं। सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों का उद्देश्य जन-कल्याण और राज्य का विकास होना चाहिए। अपेक्षा है कि विधायक स्वस्थ, तथ्यपूर्ण, शालीन और रचनात्मक संवाद की संस्कृति को आगे बढ़ाएंगे। राज्यपाल ने कहा कि जब जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते हैं, तब जनता का विश्वास सुदृढ़ होता है और राज्य के विकास की गति भी तेज होती है। जनता ने जिन अपेक्षाओं और विश्वास के साथ अपने प्रतिनिधियों को चुना है, उसका सम्मान करते हुए शालीन व्यवहार, विकास कार्यों की निगरानी और जनसरोकार के साथ कार्य करने के लिए सक्रिय रहना चाहिए। ऐसा होने पर विधानसभा एक आदर्श लोकतांत्रिक संस्थान के रूप में निरंतर सशक्त होती रहती है। राज्यपाल ने कहा कि आज राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, उद्योग, आधारभूत संरचना और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में अनेक चुनौतियां एवं अवसर भी मौजूद हैं। इन सभी क्षेत्रों में प्रगति सुनिश्चित करने में झारखंड विधानसभा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण और निर्णायक है। आने वाले समय में विधानसभा और अधिक पारदर्शी, संवादपरक और जनता की आकांक्षाओं को पूर्ण करने में प्रभावी भूमिका निभाएगी। उन्होंने सभी से झारखंड को राजनीतिक रूप से सशक्त, आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सामाजिक रूप से समरस बनाने की दिशा में एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान भी किया। राज्यपाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में झारखंड का निर्माण हुआ। उस समय जन आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर झारखंड राज्य के निर्माण का निर्णय लिया गया। मैं भी उस समय लोकसभा का सदस्य था। राज्य गठन के पक्ष में मतदान किया। आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। वैशाली को पहला गणतांत्रिक राज्य माना जाता है। विधानसभा लोकतंत्र का केंद्र बिंदू है। जनता और सरकार के बीच सशक्त सेतू की भूमिका निभाता है।
समय सीमा के भीतर कार्य पूरा करें : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विशेष समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बदलाव कोई जादुई छड़ी नहीं है। राज्य की नीतियों और कानून को आमजनों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। सेवा का अधिकार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें कई बिंदु जोड़े गए हैं। समय सीमा के अंदर काम को पूरा करना होगा। समय सीमा के अंदर अगर पदाधिकारी काम नहीं करते हैं, तो दंड का भी प्रावधान है। इसका असर मील का पत्थर साबित होगा। म्यूटेशन, जमीन की मापी, चरित्र, जाति, मृत्यु और आय प्रमाण पत्र के लिए आज लोग धक्के खाते हैं। अब इसे समय सीमा के अंदर अंदर पूरा करना होगा। बदलाव कोई जादुई छड़ी नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को सोने की चिड़िया कहा जाता है, लेकिन यह साकार रूप में तभी दिखेगा, जब सवा तीन करोड़ झारखंडवासियों के चेहरे पर मुस्कान दिखेगा। इसमें बड़ी भूमिका विधायिका की भी है। इसमें सभी का सकारात्मक भूमिका होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से अगर मजबूत नहीं हैं, तो ये संघर्ष लंबा हो सकता है। गाड़ी में पेट्रोल नहीं भरेंगे, तो एक कदम भी आगे नहीं चल सकती है। उसी तरह से राज्य को आगे ले जाने में हम सभी का दायित्व बनता है। लोगों को आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक रूप से मजबूत करने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में आधी आबादी को मजबूत करने का संकल्प है। उत्कृष्ट विद्यालय खोला गया है। सेवा का अधिकार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कई सारे लोग ऐसे हैं, जो बहुत ही साकारात्मक काम करने वाले हैं। ऐसा नहीं है कि सब कुछ उलट चल रहा हो। उन्होंने कहा कि धनबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक राज सिन्हा 21वां उत्कृष्ट विधायक चुने गए हैं। विशेश्वर खां को पहला उत्कृष्ट विधायक का सम्मान मिला था। चयन प्रक्रिया में पक्ष-विपक्ष के सम्मानित सदस्यों को ध्यान में रखकर उत्कृष्ट विधायक का चयन किय़ा जाता है। कभी आसानी से चयन होता है, तो कभी चिंतन मंथन से चुना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के निर्माण में दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में लंबा संघर्ष हुआ। आज आशीर्वाद देने के लिए कई ऐसे वीर हमलोगों के बीच नहीं है। पूर्वजों के अथक प्रयास से राज्य की परिकल्पना तो पूरी हुई, लेकिन मूल विषय में सबसे निचले पायदान में खड़े हैं। गरीबी, पिछड़ापन, शिक्षा सामाजिक न्याय से महरूम हैं। आज के दिन देश के किसी भी राज्य से झारखंड को आर्थिक रूप से मजबूत होने का दावा करें, तो सही नहीं होगा।
नेता प्रतिपक्ष ने स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जताई चिंता
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्य का विकास तभी संभव है, जब यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक सुधार हो। नेता प्रतिपक्ष ने स्पष्ट कहा कि झारखंड का विकास तभी आगे बढ़ सकता है, जब लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जा सके। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हम तभी विकसित राज्य बन सकते हैं, जब स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ-साथ कानून-व्यवस्था भी मजबूत हो। यह हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कानून-व्यवस्था ठीक नहीं रही, तो लोग भय के साए में जीएंगे और कोई भी व्यापारी राज्य में पूंजी निवेश करने से हिचकिचाएगा। झारखंड स्थापना दिवस के ही दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस बयान का जिक्र करते हुए, जिसमें उन्होंने वर्ष 2050 तक विकसित झारखंड का लक्ष्य रखा है, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह लक्ष्य तभी हासिल होगा, जब राज्य में कानून-व्यवस्था को पूरी तरह दुरुस्त किया जाए। इसके लिए सरकार को जीरो टॉलरेंस नीति अपनानी होगी और किसी भी प्रकार का भेदभाव या पक्षपात बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
विधायक राज सिन्हा और विधानसभा कर्मी किए गए सम्मानित
विधानसभा रजत जयंती कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में धनबाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक राज सिन्हा रहे, जिन्हें वर्ष 2025 का “उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार” प्रदान किया गया। राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने उन्हें एक प्रशस्ति पत्र, एक शॉल और एक स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया। इसके अलावा, छह विधानसभा के कर्मचारियों संतोष कुमार, नीलम कुजूर, राकेश कुमार सिंह, मन्नू राम, रवींद्र पाल और मोहम्मद शाहिद हैदर को भी उत्कृष्ट विधानसभा कर्मी के रूप में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में षष्ठी झारखंड विधानसभा के सदस्यों का जीवन परिचय संकलन और पिछले 25 वर्षों की विधायी यात्रा पर केंद्रित सदन संवाद पुस्तक दो महत्वपूर्ण प्रकाशनों का भी लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक कल्पना सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर, वरिष्ठ विधायक सरयू राय सहित कई मंत्री, विधायक और पूर्व विधायक शामिल हुए।
