Eksandeshlive Desk
रांची: विश्व हिंदू परिषद् की ओर से रांची के बिरसा चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया । इस अवसर पर विहिप के प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख मिथिलेश्वर मिश्र ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा झारखंड के ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे, जो देश की स्वतंत्रता के लिए जीवन पर्यंत अंग्रेजों से लड़ते रहे।
उन्होंने अंग्रेज मिशनरियों द्वारा जनजाति समाज के बीच सेवा और शिक्षा की आड़ में कराये जा रहे धर्मांतरण का पुरजोर विरोध किया। वह राष्ट्र के साथ-साथ स्वधर्म के भी रक्षक थे। उन्होंने जनजाति समाज के संस्कृति और परंपरा को बचाए रखने की दिशा में निरंतर प्रयास किया।
मिश्र ने कहा कि उनके द्वारा धारण किया हुआ धनुष -बाण शौर्य एवं पराक्रम का गाथा तथा उनका जनऊ सामाजिक समरसता का प्रतीक है। आज उनकी जयंती पर झारखंड के साथ-साथ समस्त देश जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। राष्ट्र एवं स्वधर्म के लिए उनके कृतित्व का स्मरण करते हुए उनके दिखाएं मार्ग पर चलकर झारखंड की समस्याओं का निदान करते हुए इसके विकास के लक्ष्य को प्राप्त करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में विहिप के प्रांत मातृशक्ति प्रमुख दीपारानी कुंज, चंदा देवी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।