विलिश द क्रीम फैक्ट्री में काम से निकालने का स्थानीय मजदूरों ने किया विरोध

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Mustafa

मेसरा : बीआईटी मेसरा थाना क्षेत्र के मेसरा पूर्वी पंचायत में स्थित विलिश द क्रीम फैक्ट्री के स्थानिय मजदूरों ने काम से निकाले जाने का विरोध किया। सुबह करिब आठ बजे से लेकर दिन के दस बजे तक फैक्ट्री के मुख्य गेट को जाम कर दिया था।जिसके कारण ट्रांसपोर्टिंग समेत अन्य काम दो घंटे तक ठप रहा। मजदूरों का कहना था कि प्रबंधन उनसे लगातार तीन वर्षों तक काम लेने के बाद अब मतवार कहकर,चोरी ईत्यादी का आरोप लगाकर अचानक काम से निकाल देता है। जबकि इसकी कोई सूचना पूर्व में नहीं दी जाती है। प्रत्येक माह का मजदूरी का भुगतान भी सही से नहीं किया जाता है। स्थानिय लोगों को हटाकर बाहर के लोगों को लाकर भरते जा रहा है। मजदूरों से आठ घंटे के जगह दस घंटे काम लीया जाता है। फैक्ट्री मालिक विवेक गरीय स्थानीय लोगों को काम पर नहीं रखने की बात करता है। ऐसे में हम सभी मजदूर तो बेरोजगार हो जाएंगे। हमलोग इतना अत्याचार और शोषण नहीं सह पाएंगे। तत्पश्चात मामले की खबर मिलते ही मेसरा थाना की पुलिस सदल-बल के साथ फ्रैक्ट्री पर पहुंच गई। वहीं आकोशित मजदूरों को समझाने का प्रयास भी की,परंतु मजदुर सुनने को तैयार नहीं हो रहे थे। बाद में प्रशासन की पुरी टीम एवं स्थानिय मुखिया कुशल मुंडा,पंसस कलेश्वर महतो,भाजपा युवा मोर्चा मेसरा मंडल अध्यक्ष शिवलाल महतो सहित राजकुमार महतो,रामलाल महतो,छोटेलाल महतो,रमेश महतो,सुनील महतो आदि लोगों ने काफी सूझबूझ के साथ उनको समझाने बुझाने प्रयास किया। तो बड़ी मुश्किल से लोग वार्ता करने व उनकी बातों सुनने को तैयार हुए। अंतत: दोनों पक्षों की वार्ता शुरू हुई,इस बीच प्रशासन व उक्त जनप्रतिनिधियों ने प्रबंधन से कहा कि स्थानिय लोगों ने ही जब फैक्ट्री के लिए आपको लीज पर जमीन दी है। तो नौकरी में सबसे पहले स्थानिय को ही तवज्जो दें। और जिनको आपने काम में आने से रोका है। कृप्या उन्हें फिर से वापस बुलाया लिया जाए। साथ हि सेलरी में भी कटौती करने के बजाय समय- समय पर इनकी सेलरी में कुछ वृद्धि कर दिया जाए। ताकी फालतू का ?सा बखेड़ा खड़ा ना हो,और आपकी फैक्ट्री भी शांतिपूर्ण पूर्ण ढंग से फलता-फुलता रहे। वहीं प्रबंधन ने उनकी बातों को सुनने के बाद सहमत होकर कहा कि हमने किसी को काम से हटाने या निकालने की बात कभी नहीं की है। ये सब पूरी तरह से बेबुनियाद बातें हैं। हमने सिर्फ दारू पीकर फैक्ट्री में काम पर आने से मना किया है। क्योंकि नशे की हालत में काम पर आने से कभी भी कुछ बड़ा हादसा हो सकता है। हमने हादसे से बचाने के लिए दारू पीकर आने से मना किया है। बाद में लोगों ने मजदुरों को भी समझा दिया कि अब कभी भी दारू पीकर नशा में फैक्ट्री काम करने नहीं आना है। तब कहीं जाकर काफी मेहनत मस्कत करने के बाद मामला शांत हुआ। और सभी मजदुर अपने-अपने काम पर पुन: फिर से लौट गए। मौके पर मौके पर करिब 30 से 40 की संख्या में महिला-पुरूप मजदूर के अलावा सैकड़ो ग्रामीण मौजुद थे।