Eksandeshlive Desk
रांची : विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर गुरुवार को नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड (NFB), झारखंड ने दृष्टिबाधित नागरिकों के लिए नीतिगत समावेश और समान अवसरों की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया। विश्व दृष्टि दिवस, जो प्रतिवर्ष अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है, अंधेपन और दृष्टि हीनता की रोकथाम पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता दिवस है। इस वर्ष, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (IAPB) ने इसे वैश्विक थीम ‘लव योर आईज़’ के साथ चिह्नित किया है। फेडरेशन ने राज्य सरकार और सभी हितधारकों से अपील की है कि वे ‘दिव्यांग अधिकार अधिनियम (RPWD Act), 2016’ के तहत पहुंच, शिक्षा और रोज़गार के मानकों को सख्ती से लागू करें ताकि समाज के एक महत्वपूर्ण वर्ग को समान अवसर मिल सकें। NFB झारखंड के जनरल सेक्रेटरी अरुण कुमार सिंह ने इस अवसर पर स्पष्ट कहा कि “आंखों से प्यार करने का असली अर्थ है दृष्टिबाधितों की योग्यता का सम्मान करना। झारखंड के विकास में हमारा योगदान सुनिश्चित करने के लिए सुलभ वातावरण (Accessible Environment) बनाना अब केवल विकल्प नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक संवैधानिक ज़िम्मेदारी है। हमें केवल सहानुभूति नहीं, बल्कि समानता चाहिए।”
प्रमुख मांगें और आह्वान (विशिष्ट कार्ययोजना)
- डिजिटल और तकनीकी अनिवार्यता: सभी सरकारी वेबसाइटों और ऐप्स को WCAG (Web Content Accessibility Guidelines) मानकों के अनुरूप बनाया जाए तथा सहायक तकनीक (Assistive Technology) का प्रशिक्षण सभी सरकारी और निजी संस्थानों में अनिवार्य किया जाए।
- सुलभता (Accessibility) एवं सुरक्षा गारंटी: रांची सहित राज्य के प्रमुख सार्वजनिक स्थानों, फुटपाथों, और परिवहन प्रणालियों में टैक्टाइल पाथ (Tactile Paths) और श्रव्य संकेतों (Audible Signals) को तुरंत स्थापित किया जाए।
- योग्यता आधारित रोज़गार प्रोत्साहन: सभी सरकारी भर्तियों में RPWD Act, 2016 के तहत बैकलॉग (Backlog) रिक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाए और दृष्टिबाधित जनों को करियर विकास के लिए विशेष सब्सिडी और प्रोत्साहन दिए जाएं।
- सकारात्मक दृष्टि (Forward-Looking Vision): NFB झारखंड का मानना है कि ये कदम न केवल दृष्टिबाधितों के जीवन को बेहतर बनाएंगे, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने को भी मजबूत करेंगे। NFB सभी मीडिया घरानों से अनुरोध करता है कि वे सशक्तिकरण और पूर्ण समावेश के इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाएं, ताकि झारखंड ‘एक्सेसिबल इंडिया’ मिशन का नेतृत्व कर सके।