मुखिया के आकस्मिक निधन पर 25 लाख रुपए का मुआवजा दे सरकार: बासुदेव उरांव

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लोहरदगा: रविवार को लोहरदगा सिठियो कोयल नदी तट पर जिला मुखिया संघ के बैनर तले मुखिया मिलन समारोह सह परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के साथ मुखियाओं की विभिन्न मांग को लेकर मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष बासुदेव उरांव की अध्यक्षता में बैठक भी किया गया। इस दौरान मुखिया जनों का वर्तमान स्थिति और आने वाले समय के मद्देनजर कई मुद्दों एवं समस्याओं पर चर्चा किया गया। सबों ने सर्वसम्मती से अपनी आठ सूत्री से अधिक मांगों को लेकर लोहरदगा विधायक सह वित्त मंत्री, जिला उपायुक्त, झारखंड पंचायती राज निदेशक एवं झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया। कहा की जिले के मुखिया को अधिकार और सम्मान के साथ सासंद विधायक की तरह सम्मान जनक वेतन भत्ता एवं पेंशन यथाशीघ्र लागू की जाय, मुखिया एवं उनके परिवार के सदस्यों को निशुल्क चिकित्सा व्यवस्था लागू की जाय, पंचायत अन्तर्गत क्षेत्र भ्रमण कार्य के लिए सरकार वाहन की व्यवस्था कराएं। मुखिया के कार्यकाल के दौरान यदि किसी भी मुखिया का आकस्मिक निधन हो जाता है तो उसके परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा राशि का प्रावधान किया जाए।

पंचायत में कार्यरत सभी कर्मियों की मानमानी पर अंकुश के लिए सभी पंचायतकर्मी का मासिक सत्यापन एवं प्रतिवेदन मुखिया द्वारा करने के बाद ही कर्मी के वेतन भत्ता की अग्रेत्तर कार्यवाही की व्यवस्था लागू की जाय, 15वें वित्त आयोग योजना अन्तर्गत प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा मापीपुस्त निर्गत की मनमानी पर यथाशीघ्र रोक लगाते हुए मापीपुस्त निर्गत की स्वतंत्रता मुखिया, पंचायत सचिव को दी जाय, पंचायत क्षेत्र में कार्यरत सभी कमी की उपस्थिति बायोमैट्रिक उपस्थिति एवं राजस्व कर्मचारी की रोस्टर अनुसार उपस्थिति की यथाशीघ्र कार्यवाही की जाय, मनरेगा योजना अन्तर्गत भेण्डर, टेंडर एवं अन्य सप्लायर की पूर्ण स्वतंत्रता मुखिया, पंचायत सचिव को दी जाय। मुखिया को अधिकार क्षेत्र अन्तर्गत सरकारी के राजस्व क्षति एवं पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से खनिज बालू, मोरम, पत्थर कसर ईंट भट्टा एवं लघु उद्योग का वार्षिक सत्यापन के बाद ही विभाग द्वारा अग्रेत्तर कार्यवाही करने की सुनिश्चित्ता लागू की जाय। मुखिया के अधिकार क्षेत्र अन्तर्गत जैसे- समाजिक विवाद, घरेलू विवाद, जमीन विवाद, आपसी विवाद, डायन कुप्रथा विवाद, वैवाहिक विवाद राजस्व विवाद, पोक्सो अधिनियम जैसे केस पर थाना प्रभारी की मनमानी एवं बलपूर्वक धमकी से आमजन शोषित एवं पीडित होते हैं जिसपर मुखिया से परामर्श एवं सामयक विचार के बाद प्राथमिकी की अग्रेत्तर कार्यवाही का नियम लागू की जाए। दस मुखिया के अधिकार क्षेत्र अन्तर्गत जिला स्तरीय विभागीय कार्यों की पूर्ण जानकारी एवं सत्यापन (जन उपयोगी अथवा अन-उपयोगी सबधी) की व्यवस्था सुनिशिचत की जाय। इसके अलावा भी कोई और मांग शामिल है। मौके पर मुख्य संघ के अध्यक्ष वासुदेव उरांव ने कहा कि मुखिया के सभी अधिकार का पूर्ण रूप से पालन हो और सरकार इस दिशा में मुखियाओं की मांग पर पहल करें। यदि इन सभी मांगो पर किसी भी प्रकार का कोई विचार या मंतव्य सरकार नहीं देती है तो जिला मुखिया संघ पूरजोर आन्दोलन करने के लिए बाध्य होगी। इसके बाद भी यदि सुनवाई नहीं होती है तो सभी मुखिया सामुहिक रूप से त्याग पत्र सौंपने को विवश होंगे, और इसकी सारी जवाबदेही प्रशासन व सरकार की होगी। मौके पर मुख्य रूप से परमेश्वर महली, दिलीप कुमार उरांव, सुमित उरांव, बीरेंद्र उरांव, अनिल उरांव, राजू उरांव, धनेश्वरी उरांव, बसंत उरांव, बंधना उरांव, कामिल टोपनो, राजकिशन उरांव, सुमन उरांव, कमला देवी, राजू उरांव, चमरा उरांव, लक्ष्मी उरांव, मुनी देवी, फुलमनी देवी, कैली उरांव, बसंती देवी, रानी देवी, शोभा देवी, यशोदा उरांव, सुषमा देवी, सुमित्रा कुमारी, चमनी टोप्पो सहित जिले के सभी मुखिया शामिल थे।