यदि समय रहते नहीं जागे तो इसका खामियाजा,पूरा आदिवासी समाज को झेलना होगा : बच्चन उरांव

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Eksandeshlive Desk

मेसरा : सरना कोड लागू करने की मांग को लेकर क्षेत्रिय सरना समिति झारखंड प्रदेश ने शनिवार को ग्राम पंचायत चुट्टू स्थित रिंग रोड में चक्का जाम करने सड़क पर उतरा.इस दौरान रांची के अन्य चौक चाराहों पर भी चक्का जाम का मिला जुला असर रहा.दूसरी ओर इस चक्का जाम को लेकर पुलिस प्रशासन भी काफी मुस्तैद दिखी.सभी चौक-चौराहों पर पुलिस की तैनाती रही.इस संबंध में क्षेत्रिय सरना समिति के प्रदेश अध्यक्ष बच्चन उरांव ने कहा कि आदिवासी लंबे समय से सरना कोड की मांग कर रहे हैं.सरकार ने सरना धर्म कोड बिल पारित कर केंद्र सरकार को भेजने का वादा किया था,लेकिन सरकार के किसी भी मंत्री या विधायक ने कभी सरना कोड के बारे में आवाज नहीं उठाये.कहा कि वर्ष 2024 में चुनाव होने वाली है.जब चुनाव आयेगा,तो राजनीतिक दल के नेता वोट की खातिर सरना कोड को मुद्दा बना आदिवासियों के बीच जायेंगे.और नेता बनने के चक्कर में समाज को दरिया में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं.उन्होंने चक्का जाम को पूरी तरह सफल बताया है.श्री उरांव ने सरकार से मांग की है कि सरना धर्म कोड बिल को लेकर सरकार विशेष ध्यान दें.तथा सरना धर्म कोड बिल सदन से पारित कर केंद्र को भेजे.अगर ऐसा नहीं होता है तो रांची ही नहीं बल्कि संपूर्ण झारखंड प्रदेश के आदिवासी संगठन और आदिवासी समाज उग्र आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेंगे.कहा चक्का जाम को लेकर सभी संगठनों का पूरा सहयोग मिला.सभी जगह सरना समाज के लोग सड़क पर उतर कर सरना कोड की मांग कर रहे हैं.सरना कोड पर अब राजनीतिक नहीं करने दिया जायेगा.अब आदिवासियों को जागना होगा.और जो भी नेता सरना कोड की राजनीति कर रहे हैं उसको क्षेत्रिय सरना समिति बेनकाब करेगी.कहा यदि समय रहते नहीं जागे,तो इसका खामियाजा पूरा आदिवासी समाज को ही झेलना होगा.इस चक्का जाम कार्यक्रम में मुख्य रूप से क्षेत्रिय सरना समिति के प्रदेश अध्यक्ष बच्चन उरांव,भगवान दास,राजू उरांव,संजय पाहन,भुवनेश्वर पाहन,रमेश पाहन,तबरेज अंसारी, दाऊद अंसारी,एजाज अंसारी,मिन्नी अंसारी,आरिफ अंसारी,डबलू अंसारी आदि अन्य कई लोग शामिल रहे.