दिल्ली में पहलावनों का धरना पिछले कई दिनों से जारी है. इसी बीच बीते 28 मई को दिल्ली पुलिस और पहलवानों के बीच बवाल हो गया. जिसके बाद महिला पहलवानों ने अपने मेडल गांगा में विसर्जित करने का ऐलान किया. पहलवान अपने मेडल के साथ हरिद्वार गंगा पहुंच भी गए. लेकिन पहलवानों को किसान नेता नरेश टिकैत ने समझा लिया और मेडल अपने पास रख ली. वहीं, अब महिला पहलवानों के समर्थन में 1983 क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम भी उतर आई है. विश्व विजेता टीम की ओर से साझा बयान जारी कर कहा गया कि पहलवानों के साथ जो बदतमीजी हुई है उसे देखकर हम परेशान हैं.
मेडल गंगा में विसर्जित करने पर क्या कहा?
वहीं, क्रिकेटर्स की ओर से साझा बयान में कहा गया कि हम महिला पहलवानों के साथ हो रहे बदतमीजी से परेशान हैं. इसके अलावा उन्होंने पहलवानों से आग्रह किया कि आनन-फानन में आकर वो कोई फैसला ना लें. क्रिकेटर्स ने उम्मीद जताई कि जल्द ही उनकी समस्याओं का हल निकाला जाएगा.
28 मई को हुआ था बवाल
28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन होना था. उसी दिन पहलवानों के द्वारा जंतर-मंतर से लेकर नए संसद भवन तक मार्च निकालना था. उसी दौरान दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को रोकने की कोशिश की. तब वहां पुलिस और पहलवानों के बीच बवाल हो गया. जिसके बाद पुलिस के द्वारा पहलवानों को हिरासत में लिया गया. वहीं, जंतर-मंतर में धरना दे रहे पहलवानों के टेंट को भी पुलिस ने हटा दिया है.
कौन-कौन हैं 1983 विश्व कप टीम में
कपिल देव, सुनील गावस्कर, कृष्णामाचारी श्रीकांत, रवि शास्त्री, यशपाल शर्मा, संदीप पाटिल, बलविंदर संधू , सैयद किरमानी, मदन लाल, रोजर बिन्नी, मोहिंदर अमरनाथ और कीर्ति आजाद.