Mustfa
रांची: आदिवासी जमीन बचाओ अभियान के तहत शुक्रवार को पहली बैठक ओरमाझी के चकला स्थित पंचायत भवन में हुई। यह बैठक मुख्य संरक्षक रमेश उरांव के नेतृत्व में किया गया था। बैठक में लगभग 88 गांव के ग्राम प्रधान,पाहन,मुखिया एवं पड़हा समाज के सभी पदाधिकारी गण उपस्थित थे। जहां आदिवासी जमीन लूट से संबंधित करीब 50 लोगों ने आवेदन भी दिया। इस दौरान सर्वसहमति से यह निर्णय लिया गया है कि उक्त अभियान में प्रखंड स्तर के सभी संगठनों को जोड़ा जाय।ओरमांझी अंचल के अलावे रांची जिले के जितने भी अंचल कार्यालय हैं,सभी कार्यालयों तथा उपायुक्त कार्यालय रांची का घेराव कर जोरदार आंदोलन किया जाएगा। जिसमें प्रखंड व जिला स्तर के जितने भी आदिवासी सामाजिक संगठन हैं सभी संगठनों के सामूहिक नेतृत्व में इस आंदोलन को किया जाएगा। सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि आदिवासी जमीन पर अवैध रूप से जो कब्जा है उसे सरकार यथाशीघ्र अतिक्रमण मुक्त कराए। अन्यथा आदिवासी समाज उन जमीनों पर खुद दखल लेने का काम करेगी। और दखल देहानी के जितने भी मामले लंबित हैं सरकार 15 दिनों के अंदर उक्त जमीनों पर दखल दिलाने का काम करें। इसके अलावे आदिवासी के सामाजिक जमीन को गलत तरीके से फर्जी डीड,फर्जी इस्तीफा नामा,फर्जी कबुलियत पट्टा व अवैध जमाबंदी कायम हैं। उसकी जांच कर निरस्त करने का सरकार से मांग किया गया है। मौके पर आदिवासी महासभा के संयोजक सह पूर्व मंत्री देव कुमार धान, मुख्य संरक्षक रमेश उरांव, अध्यक्ष प्रेमनाथ मुंडा, आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष कुदरसी मुंडा, लक्ष्मी नारायण मुंडा, केंद्रीय सरना समिति जगलाल पाहन, अनीता गाड़ी, बलकु उरांव, मुखिया शिवनाथ मुंडा, बालक पहान, मुखिया समुन्दर पाहन, पूर्व मुखिया विनीता कुजूर समेत विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।