नियमसम्मत प्रोन्नति और सुविधाएं शीघ्र दिलाने का प्रयास होगा: डॉ एससी दूबे

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sunil Verma

रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के नए कुलपति डॉ सुनील चंद्र दूबे ने बुधवार को रांची कृषि महाविद्यालय प्रेक्षागृह में अलग-अलग समूह में विश्वविद्यालय के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों को संबोधित किया। रांची के बाहर के कॉलेज और इकाइयों के कर्मी बैठक में आॅनलाइन जुड़े थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों, वैज्ञानिकों और कर्मियों की कमी बीएयू की सबसे बड़ी समस्या है, इस कारण फंडिंग एजेंसियों से नई परियोजनाएं मिलने में भी कठिनाई है। उन्होंने कहा कि यदि जेपीएससी के माध्यम से नियुक्तियों में विलंब होता है तो वह कृषि वैज्ञानिक भारती बोर्ड, नई दिल्ली के माध्यम से भी रिक्त पदों पर भर्ती के लिए प्रयास करेंगे। इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री और राज्य के कृषि सचिव से भी बात हुई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पास बहुत सी भूमि और ढांचागत सुविधाएं हैं जिनके माध्यम से आंतरिक राजस्व बढ़ाने का प्रयास सबों को मिलकर करना चाहिए। शोध कार्यक्रमों को रीओरिएंट करने और फोकस्ड बनाने की आवश्यकता है। झारखंड में बीज रिप्लेसमेंट रेट देश में सबसे कम है। इसे बढ़ाना होगा तभी उत्पादकता में वृद्धि होगी। पशु विज्ञान के क्षेत्र में स्थानीय नस्लों का सुधार महत्वपूर्ण विषय है और प्रसन्नता की बात है कि बीएयू में इस क्षेत्र में काम भी हो रहा है।कामकाज का वातावरण स्वच्छ, सौहार्दपूर्ण और तनावमुक्त रहे तो व्यक्ति ज्यादा रचनात्मक और उपयोगी कार्य कर पाता है। इसलिए हमें कार्यस्थल का माहौल ऐसा बनाना होगा। शिक्षकों को सुनिश्चित वृत्ति योजना (कैस) के तहत प्रोन्नति, राज्य सरकार के निर्णय के अनुरूप नये कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ, शिक्षकेतर कर्मियों के लिए एमएसीपी और विभागीय प्रोन्नति नियमानुसार मिलनी है, उसके कार्यान्वयन के लिए त्वरित प्रयास किए जाएंगे।