हजारीबाग के कूड़ा डंपिंग यार्ड में लगी भीषण आग, धुएं से स्थानीय लोग काफी परेशान

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Eksandeshlive Desk

हजारीबाग : वार्ड नंबर 24 में स्थित पूरा डंपिंग यार्ड में आग लग गई है इसके धुएं से स्थानीय लोग काफी परेशान है तथा नगर निगम के कार्यशैली पे सवाल भी खड़ा कर रहे है । आपको बता दू जहा यह कूड़ा डंपिंग यार्ड स्थित है वहा पे अंतरराज्य स्तरीय बस अड्डा बनना तय हुआ है तथा उसे लेकर कूड़े से प्लास्टिक और मिट्टी को अलग किया जा रहा है तथा आज उसे अलग किए गए प्लास्टिक में लगी है जिसके जहरीले धुएं से आम जनों का जीना मुश्किल हो गया है । यह कूड़ा डांपिक यार्ड हजारीबाग चतरा मुख्य मार्ग तथा हजारीबाग रांची रेल मार्ग के बगल में स्थित है और धुएं के कारण स्थिति यह है की दोनो ही मार्ग पे 100 मीटर तक देखना मुश्किल है तथा इसी रेल मार्ग से वंदे भारत जैसे हाई स्पीड ट्रेन गुजरती है जो कभी भी दुर्घटना का शिकार हो सकती है । स्थानीय लोगो का कहना है की माने तो इस जहरीले धुएं के कारण उनका रहना मुश्किल हो गया है इस रोड से गुजरना मुश्किल हो गया है । नगर निगम इस आग को बुलाने के लिए कोई पहल नहीं कर रहा है तथा यही डंपिंग यार्ड दिल्ली में जब आग लगी थी तो राजनीतिक उथल-पुथल हो गया था परंतु यहां ना कोई राजनीतिक पार्टी इसके लिए आवाज उठा रहे हैं नहीं नगर निगम इस पर ध्यान दे रहा है स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है तथा उन लोगों ने अपील की है कि इस पर जल्द से जल्द संज्ञान लेकर आग को बुझाया जाए क्युकी इस धुएं के कारण आम जन के साथ जीव जंतु एवम पक्षी भी प्रभावित हो रहे है।शैलेंद्र कुमार लाल नागर आयुक्त ने कहा की मामला संज्ञान में आया है संवेदक को इनफॉर्म कर रहे है तथा इस मामले की जांच करवा रहे है। साथ ही उन्होंने इस मामले में यह भी अपील की है की आम लोग वहा पे पटाखा न जलाए क्युकी गरमी बहुत है तथा खुला में रखा बेस्ट है जिससे आगलगी की घटना हो जा रही है। उन्होंने अभी बताया कि वहां पर अंतर राज्य स्तरीय बस अड्डा बन रहा है मिट्टी से प्लास्टिक को अलग कर प्लास्टिक सीमेंट फैक्ट्री को दिया जा रहा है तथा जल्द ही इस पूरे डंपिंग यार्ड को साफ कर लिया जाएगा 

अब देखना यह होगा कि इस डंपिंग यार्ड में लगी आग पर काबू पाया जाता है तथा वहां के स्थानीय चुकी है डंपिंग यार्ड घनी आबादी के बीच में स्थित है तो जो आबादी इस दुनिया से प्रभावित हो रही है उसे कब राहत मिल पाती है या फिर यह नगर आयुक्त का आश्वासन आश्वासन बनकर रह जाता है।