चतरा में रायशुमारी को लेकर बनी चर्चा का विषय

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चतरा: प्रदेश के कई हिस्सों में रायशुमारी चल रही है लेकिन चतरा में ही इतना हाय तौबा क्यों? इसके मायने साफ हैं कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर की असंतुष्टि साफ झलक रही है। पार्टी के अंदर ही नकारात्मक राजनीति चल रही है। एक दूसरे के पैर खींचने के प्रयास जारी हैं, जिस उम्मीदवार पर भाजपा दाव लगाए ताकि जीत दो सौ फीसदी सुनिश्चित हो जाए। वैसे उम्मीदवार को लंघी मारा जा रहा है। यह पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा कही जा रही है। आखिर यह माहौल क्यों है? इसके पूर्व भी यह रायशुमारी की प्रथा चलती आ रही है लेकिन उस वक्त के जिला अध्यक्षों के समय इतना उठा पटक नहीं हुआ करता था ऐसे में हम क्या कहेंगे की क्या भाजपा जिला अध्यक्ष चतरा रामदेव सिंह भोक्ता की कार्यशैली क्या सवाल खड़े किए जाने लायक है ? प्रदेश के द्वारा शक्ति केंद्र के तक के भाजपा के कार्यकर्ताओं से राय ले के टिकट देना चाह रहे थे लेकिन ज़िले के अध्यक्ष अपने चाहतों के लिए लॉबिंग करने में राज़द के कार्यकर्ताओं से वोट डलवाए और अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को राय देने से वंचित किया वोटिंग के समय एक प्रत्याशी के भतीजे के साथ ज़िला उपाध्यक्ष को बैठा कर पूर्व प्रत्याशी के पक्ष में वोट करवाने की कोशिश की गई और एक विधान सभा में वर्तमान के पुत्र, टंडवा वाले पांडे जी पूर्व और गुप्ता जी ने वर्तमान के पक्ष में वोट करने के लिए पार्टी की सारी मर्यादा पार कर दी शायद यही होता है अन्य दल के कार्यकर्ता को पार्टी में उच्च पद देने से।