Eksandeshlive Desk
पटना : बिहार विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत हुई है। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर पर गठबंधन दल के नेताओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया है। सबसे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे हैं। लोजपा (आर) के भी कई नेताओं का सीएम आवास में आना हुआ है। इन नेताओं में संजय झा और मनीष वर्मा शामिल हैं। बिहार विधानसभा की चार सीटों हुई मतगणना में सबसे चौंकाने वाला परिणाम बेलागंज से सामने आया है। यहां राजद ने 34 साल बाद यह सीट गंवा दी है। बेलागंज विस सीट से जदयू उम्मीदवार मनोरमा देवी ने जीत हासिल की है। इमामगंज विस सीट पर केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी का कमाल बरकरार रहा है। जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी ने इमामगंज से जीत दर्ज की है। रामगढ़ विस सीट पर भाजपा के अशोक सिंह ने परचम लहराया है। तरारी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से भाजा उम्मीदवार और सुनील पांडे के बेटे विशाल प्रशांत ने परचम लहराया है।
34 साल बाद राजद का किला ध्वस्त : बेलागंज विधानसभा सीट से जदयू उम्मीदवार मनोरमा देवी ने राजद के 34 साल के किले को ध्वस्त कर दिया है। मनोरमा देवी को 73,334 वोट मिला। उन्होंने 21,391 मतो से जीत दर्ज की। बेलागंज में दूसरे नबंर पर राजद उम्मीदवार विश्वनाथ कुमार सिंह रहे। उन्हें 51,943 वोट मिले।
इमामगंज सीट पर बहू ने रखी ससुर की लाज : इमामगंज विधानसभा सीट पर दीपा मांझी ने 5 हजार 945 मतों से जीत हासिल की। दीपा मांझी को 53,435 वोट मिले। इस सीट से मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी यानी बहू दीपा मांझी ने जीत हासिल कर ससुर की प्रतिष्ठा बचा ली है। दूसरे स्थान पर राजद प्रत्याशी रौशन कुमार मांझी रहे। उन्हें 47,490 वोट मिले। इमामगंज में जीतनराम मांझी का कब्जा था और उनके सांसद चुने जाने के बाद इस सीट पर विधानसभा का उपचुनाव कराया गया।
भाजपा के प्रशांत ने माले के गढ़ तरारी में लहराया भगवा : तरारी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने बाहुबली पूर्व विधायक सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत को उम्मीदवार बनाया था। ये सीट भाकपा-माले के विधायक सुदामा प्रसाद के सांसद बन जाने के कारण खाली हुई थी। यहां से महागठबंधन में शामिल माले ने राजू यादव को उम्मीदवार बनाया था। विशाल प्रशांत ने अपने विरोधी राजू यादव को 10 हजार 507 मतों से परास्त कर दिया। प्रशांत को 78 हजार 564 मत मिले जबकि राजू यादव को 68 हजार 57 मत प्राप्त हुए। भाजपा ने चुनाव से पहले सुनील पांडेय और उनके बेटे विशाल प्रशांत को पार्टी में शामिल कराया था और उन्हें अपना उम्मीदवार बना दिया था।
रामगढ़ भी नहीं बचा पाई राजद : रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार को कुल 62,257 वोट मिले। उन्होंने निकटम प्रतिद्वंद्वी से 1,362 मतों से जीत दर्ज की। आखिरी राउंड तक मुकाबले में बने रहने वाले बसपा उम्मीदवार को कुल 60,895 मत मिले। राजद ने यह सीट इस चुनाव में गवां दी। राजद उम्मीदवार अजीत सिंह तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें महज 35,825 मत मिले हैं।
राजग को यूपी का साथ, नौ सीटों के उपचुनाव में जीतीं सात
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ सीटों के उपचुनाव में भाजपा-नीत राजग ने सात सीटें जीती हैं। इसमें से छह पर भारतीय जनता पार्टी और एक सीट पर राजग के घटक दल रालोद ने जीत हासिल की। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के हिस्से की कुंदरकी और कटेहरी सीट भी जीत ली। इन दोनों सीटों पर नया इतिहास लिखा गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा व रालोद प्रत्याशी के पक्ष में पांच दिन में 15 चुनावी कार्यक्रम किए थे। योगी ने फूलपुर, मझवा, खैर व कटेहरी में दो-दो रैली कीं। गाजियाबाद में भी मुख्यमंत्री ने एक रैली व एक रोड शो कर कमल को फिर से खिलाने की अपील की। कुंदरकी व मीरापुर में भी योगी की रैली हुई। इसका असर यह हुआ कि कुंदरकी में भाजपा ने जीत हासिल की।
कटेहरी में तीन दशक बाद कमल का कमाल : कटेहरी में लगभग तीन दशक से अधिक समय से इस सीट पर भाजपा को जीत नहीं मिल पा रही थी, लेकिन इस बार उपचुनाव में योगी के नेतृत्व में कटेहरी में भी कमल ने कमाल कर दिखाया। भाजपा प्रत्याशी धर्मराज निषाद ने तीन दशक बाद यहां कमल खिलाया। निषाद ने न सिर्फ सपा से यह सीट छीनी, बल्कि सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा को 34,514 के बड़े अंतर से हराया।
कुंदरकी में भी खिला कमल : वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव में कुंदरकी में सपा ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर भी विधायक के सांसद चुने जाने के कारण यहां उपचुनाव हुआ। इस सीट पर काफी समय से सपा का कब्जा था, लेकिन 2024 में हुए उपचुनाव में आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह सीट भाजपा के खाते में गई। भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर ने सपा के मो. रिजवान को बड़े अंतर से पराजित किया।
मझवा, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर व मीरापुर में भी भाजपा जीती : मझवा, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर के साथ ही मीरापुर में भी रैलियों से चल रही योगी-य़ोगी की गूंज शनिवार को जीत के बाद और तेज होती गई। मीरापुर में रालोद व अन्य सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। मझवा में विनोद बिंद, फूलपुर से प्रवीण पटेल, गाजियाबाद से अतुल गर्ग, खैर से अनूप प्रधान वाल्मीकि व मीरापुर से चंदन चौहान के सांसद चुने जाने के बाद यहां उपचुनाव कराए गए। इन सीटों को बरकरार रखते हुए भाजपा ने अन्य सीटों पर जीत हासिल की।
सपा का करहल और सीसामऊ में जीत का अंतर हुआ कम : सपा की परंपरागत सीट मानी जाने वाली करहल में भी उसकी जीत का अंतर काफी कम हुआ। 2022 आमचुनाव में सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव ने यहां 67,504 मतों से जीत हासिल की थी, जो इसउपचुनाव में घटकर महज 14,725 वोट पहुंच गई। तेज प्रताप यादव को यहां से 1,04,304 मत मिले। भाजपा के अनुजेश यादव ने 89,579 मत मिले। वहीं सीसामऊ में 2022 में सपा के इरफान सोलंकी ने 12,266 वोटों से जीत हासिल की। उपचुनाव में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने 69,714 वोट पाकर 8564 वोट से जीत दर्ज की। यहां से भाजपा के सुरेश अवस्थी को 61,150 वोट मिले।
राजस्थान की सात में से पांच पर भाजपा, एक पर बीएपी और एक पर कांग्रेस जीती
जयपुर : राजस्थान उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है। प्रदेश की सात सीटों पर हुए उपचुनाव में से पांच सीटें- झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर, रामगढ़ भारतीय जनता पार्टी ने जीती हैं। एक सीट चौरासी पर भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) और दौसा में कांग्रेस के दीनदयाल बैरवा जीते हैं। यहां भाजपा ने रीकाउंटिंग की मांग की है। इस सीट पर मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर अपनी किस्मत आजमाई। खींवसर से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रतन चौधरी की जमानत जब्त हो गई है। खींवसर में हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को भाजपा के रेवंतराम डांगा ने 13 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। इसी तरह, सलूंबर विधानसभा क्षेत्र के आखिरी राउंड में बाजी पलट गई और भाजपा की शांता मीना ने जीत दर्ज की। शांता ने बीएपी प्रत्याशी जितेश कुमार कटारा को शिकस्त दी है। चुनाव आयोग ने झुंझुनू, देवली-उनियारा, खींवसर, सलूंबर (एसटी), चौरासी (एसटी) के नतीजे घोषित कर दिए हैं जबकि दौसा और रामगढ़ के नतीजे अभी घोषित नहीं किए हैं। प्रदेश में 5 सीटों पर विधायकों के सांसद बनने और दो सीटों पर विधायकों की मृत्यु हो जाने के कारण उपचुनाव कराए गए थे। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में इन सीटों में से चार कांग्रेस, एक भाजपा, एक भारतीय आदिवासी पार्टी तथा एक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पास थी।
गुजरात की वाव सीट से भाजपा के स्वरूपजी ठाकोर जीते
पालनपुर : गुजरात की वाव विधानसभा सीट पर भाजपा ने बाजी मार ली है। कांग्रेस के उम्मीदवार गुलाबसिंह राजपूत पहले राउंड से 20वें राउण्ड तक आगे रहने के बाद अंतिम 4 राउण्ड में पिछड़ गए और उन्हें भाजपा से हार का मुंह देखना पड़ा। इस तरह भाजपा उम्मीदवार ने वाव सीट कांग्रेस के हाथों से छीन कर 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में अपनी सीटों की संख्या 162 कर ली है। उत्तर गुजरात में भाजपा ने कांग्रेस से एक सीट झटक कर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। 13 नवंबर को हुए उपचुनाव में यहां 70.54 फीसदी मतदान हुआ था। भाजपा के लिए मुश्किल पैदा करने वाले बागी उम्मीदवार मावजीभाई पटेल भी यहां कुछ खास नहीं कर पाए और वे 27 हजार 195 मतों पर सिमट गए। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार स्वरूपजी ठाकोर को 92,176 और कांग्रेस उम्मीदवार गुलाबसिंह राजपूत को 89,734 मत मिले। इन तीन उम्मीदवारों के अलावा अन्य 7 उम्मीदवार भी यहां चुनाव मैदान में उतरे थे। इनमें निर्दलीय उम्मीदवार हरिजन विक्रमभाई नागजीभाई को 2038, भारतीय जन परिषद के उम्मीदवार चेतनकुमार ओझा को 1561, निर्दलीय उम्मीदवार लक्ष्मीबेन ठाकोर को 858, निर्दलीय उम्मीदवार मनोज परमार को 842, जयेन्द्र राठौड़ को 652, मधु निरुपाबेन नटवरलाल को 476 और मंजूबेन राठौड़ को 472 मत मिले हैं। वहीं 3360 लोगों ने नोटा का बटन दबाया।
पश्चिम बंगाल की छह में से छह सीटें जीतकर तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को किया पस्त
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के छह विधानसभा सीटाें नैहाटी, मेदिनीपुर, सिताई, मदारीहाट, तालडांगरा और हाड़ोआ के उपचुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। सत्ताधारी दल ने सभी छह सीटों पर कब्जा जमाते हुए भाजपा को पूरी तरह से पस्त कर दिया है। खास बात यह रही कि मादारीहाट सीट, जो अब तक भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती थी, वहां भी पहली बार तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। चुनाव आयाेग ने इन सभी सीटाें के परिणामाें की घाेषणा कर दी है। मदारीहाट सीट पर इस बार तृणमूल कांग्रेस ने जयप्रकाश टोप्पो को उम्मीदवार बनाया था, जिन्होंने भाजपा के प्रभाव को तोड़ते हुए बड़ी जीत दर्ज की है। यह सीट 1977 से 2016 तक वामपंथी दल आरएसपी के कब्जे में थी। 2016 और 2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के मनोज टिग्गा ने यहां से जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार मनोज टिग्गा को लोकसभा के लिए खड़ा किया गया था, जिससे इस सीट पर उपचुनाव हुआ। तृणमूल की जीत ने यह साबित कर दिया कि भाजपा का प्रभाव इस क्षेत्र में कमजोर हो चुका है।
भाजपा की रणनीति सवालों के घेरे में : भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की निष्क्रियता इस उपचुनाव में साफ नजर आई। मदारीहाट जैसे गढ़ में भाजपा कोई खास चुनौती पेश नहीं कर सकी। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि परिणाम अपेक्षित थे, लेकिन मादारीहाट में भाजपा को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी। हालांकि, परिणामों ने साबित किया कि भाजपा शासक दल के सामने लगभग आत्मसमर्पण कर चुकी थी।
वाम-कांग्रेस का पतन जारी : वोट परिणामों ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि बंगाल में वाम और कांग्रेस की स्थिति हाशिये पर पहुंच चुकी है। छह सीटों में से केवल हाड़ोआ सीट पर वाम समर्थित आईएसएफ उम्मीदवार पियरुल इस्लाम दूसरे स्थान पर रहे, जबकि बाकी सीटों पर वाम और कांग्रेस उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा सके।
तृणमूल का गांव और शहर दोनों पर कब्जा : छह सीटों में नैहाटी और मेदिनीपुर जैसे शहरी क्षेत्र और सिताई, मदारीहाट, तालडांगरा, और हाड़ोआ जैसे ग्रामीण क्षेत्र शामिल थे। तृणमूल ने सभी सीटों पर जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि उसका प्रभाव गांव और शहर दोनों जगह बरकरार है। भाजपा के आदिवासी वोट बैंक में भी इस बार तृणमूल ने सेंध लगाई। मदारीहाट के आदिवासी और ईसाई समुदायों के वोट, जो भाजपा का मजबूत आधार माने जाते थे जाे तृणमूल के खाते में चले गए। भाजपा के पूर्व सांसद जॉन बारला की भूमिका भी इस चुनाव में विवादों के घेरे में रही, जिन्होंने तृणमूल नेताओं के साथ बैठक की थी।
तृणमूल के नेताओं की प्रतिक्रिया : तृणमूल के नेता और राज्यसभा सांसद प्रकाश चिक बराइक ने कहा कि जनता ने भाजपा की विभाजनकारी राजनीति को नकार दिया है और ममता बनर्जी के विकास कार्यों पर भरोसा जताया है। छह महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को झटका लगा था, लेकिन इस उपचुनाव में उसकी स्थिति और खराब हो गई। हालांकि, भाजपा के राज्यसभा सांसद शमिक भट्टाचार्य ने इसे भाजपा के लिए “राजनीतिक सबक” बताया और कहा कि यह कोई आपदा नहीं है। तृणमूल ने इस उपचुनाव में जनता का भरोसा जीता है। भाजपा की निष्क्रियता और वाम-कांग्रेस की कमजोरी ने तृणमूल को मैदान में बढ़त दी। इससे साबित हाेता है कि राज्य की राजनीति में तृणमूल का दबदबा अभी भी बरकरार है। इस उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने न केवल छह सीटें जीतीं, बल्कि यह भी साबित किया कि भाजपा और वाम-कांग्रेस की चुनौतियां कमजोर हो चुकी हैं।
पंजाब में आआपा ने जीती तीन सीटें, कांग्रेस के खाते में आई एक
चंडीगढ़ : पंजाब में चार विधानसभा हलकों में हुए उपचुनाव के बाद शनिवार को आए परिणाम में तीन सीटों पर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है। जबकि एक सीट पर विपक्षी दल कांग्रेस को जीत मिली है। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले तीन सीटों पर कांग्रेस और एक पर आम आदमी पार्टी थी। शिरोमणि अकाली दल ने यह उपचुनाव नहीं लड़ा था, जबकि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को इसमें करारी हार का सामना करना पड़ा है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी परिणाम के अनुसार होशियारपुर जिले की चब्बेवाल विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के डॉ. इशांक कुमार ने कांग्रेस प्रत्याशी रणजीत कुमार को 28 हजार 690 वोटों से पराजित किया। यहां भाजपा प्रत्याशी सोहन सिंह को यहां केवल 8692 वोट मिले हैं।बरनाला विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप सिंह ढिल्लों ने आम आदमी पार्टी के हरिंदर सिंह धालीवाल को 2157 वोटाें के कम अंतर से पराजित किया है। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी केवल सिंह ढिल्लों को 17 हजार 958 वोट मिले हैं।
सबसे चर्चित सीट गिद्दड़बाहा के चुनाव परिणाम चौंकाने वाले रहे
राज्य की सबसे चर्चित सीट गिद्दड़बाहा के चुनाव परिणाम इस बार बेहद चौंकाने वाले रहे हैं। इस सीट पर आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलने में कामयाब रही। यहां आप के उम्मीदवार हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने कांग्रेस प्रत्याशी अमृता वडिंग को 21 हजार 801 वोटों से हराया है। अमृता वडिंग पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की पत्नी हैं। 90 के दशक में गिद्दड़बाहा से चुनाव जीतकर पंजाब की राजनीति में सक्रिय हुए भाजपा प्रत्याशी मनप्रीत सिंह बादल को यहां इस बार केवल 12 हजार 174 वोट मिले हैं। पंजाब की सीमावर्ती सीट डेराबाबा नानक में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी गुरदीप सिंह रंधावा ने कांग्रेस प्रत्याशी जतिंदर कौर रंधावा को 5699 वोट से पराजित किया है। जतिंदर कौर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी हैं। इस सीट से भाजपा प्रत्याशी रवि करण काहलों को केवल 6505 वोट मिले हैं। पंजाब में आज चार सीटाें पर हुए उपचुनाव परिणाम के बाद अब विधानसभा का स्वरूप भी बदल गया है। 117 सीटों वाली राज्य विधानसभा में अब आम आदमी पार्टी के विधायकों की संख्या 95 हो गई है। सदन में कांग्रेस विधायकों की घट कर संख्या 16, भारतीय जनता पार्टी के दो, शिरोमणि अकाली दल के दो तथा बहुजन समाज पार्टी का एक व एक निर्दलीय विधायक है।
केदारनाथ में खिला कमल, आशा नौटियाल 5,622 वोटों से जीतीं
देहरादून : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार आशा नौटियाल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में 23,814 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार मनोज रावत को 18,192 वोट मिले, जिससे आशा नौटियाल ने 5,622 वोटों के अंतर से विजय प्राप्त की। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के आशुतोष भंडारी को 1,314 वोट मिले, जबकि पीपीआई (डी) के प्रदीप रोशन ने 483 वोट हासिल किए। निर्दलीय उम्मीदवारों में त्रिभुवन सिंह ने 9311 वोट और आरपी सिंह ने 493 वोट प्राप्त किए। इस चुनाव में 834 मतदाताओं ने नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का विकल्प चुना। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की प्रतिष्ठित केदारनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शानदार जीत को पार्टी की विकासवादी नीतियों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में जनता के विश्वास की बड़ी जीत माना जा रहा है। यह उप चुनाव केवल एक विधानसभा क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका प्रभाव राज्य की राजनीति और आगामी चुनावों पर पड़ना तय है। केदारनाथ सीट की यह जीत भाजपा के लिए एक अहम मनोवैज्ञानिक बढ़त है, खासकर तब जब राज्य में जल्द ही निकाय चुनाव होने वाले हैं और 2027 के विधानसभा चुनावों की नींव अभी से तैयार हो रही है।
उपचुनावों में एनडीए को बढ़त मिलने पर नड्डा ने जताया मतदाताओं का आभार
नई दिल्ली : देश में महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों के साथ 14 राज्यों की कुल 46 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में भाजपा और एनडीए की बढ़त पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोगों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनाव में भाजपा को मिला अपार बहुमत दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली जनहितकारी और राष्ट्रहितैषी नीतियों पर जनता-जनार्दन को अटूट भरोसा है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन की विभिन्न सीटों पर हुई हार से स्पष्ट है कि जनता एनडीए के सुशासन और विकास के साथ है। ये जीत प्रदेश के कर्मठ कार्यकर्ताओं की अतुल्य मेहनत एवं जनता के अपार समर्थन का परिणाम है, सभी को सहृदय बधाई एवं मतदाताओं का आभार। नड्डा ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की यह ऐतिहासिक विजय एवं महायुति गठबंधन की प्रचंड जीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में डबल इंजन सरकार की जन-कल्याणकारी नीतियों व सुशासन पर जनता-जनार्दन के अटूट विश्वास का प्रतिबिंब है।