केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के बयान पर सत्तापक्ष-विपक्ष में सदन के बाहर तकरार

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Eksandeshlive Desk

पटना : बिहार विधानमंडल सत्र के एक दिन पूर्व मुजफ्फरपुर में एक सभा में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा था कि अल्पसंख्यक समाज जदयू को वोट नहीं देता। उनका बयान आने के बाद बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन के बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई। सत्ता पक्ष ने जहां ललन सिंह के बयान पर सफाई दी देते हुए ललन सिंह का बचाव किया, वहीं विपक्ष ने इसकी निंदा की। ललन सिंह ने भी अपने बयान पर सफाई भी दे दी है।

ललन सिंह के बयान का अशोक चौधरी ने किया बचाव

प्रदेश सरकार में भवन निर्माण मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि ललन सिंह के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है, ताकि लोगों में भ्रम की स्थिति बनी रहे। ललन सिंह के कहने का अर्थ यह है कि हमने मुसलमानों के लिए जितना काम किया, उस हिसाब से जदयू को वोट नहीं मिल रहा है, इसका हमें दर्द है। जदयू को और मेहनत करने की जरूरत है। मेरा नेता न हिंदू है, न मुसलमान है, न सिख है, न ईसाई है वे इंसान हैं। हमें किसी वकील की जरूरत नहीं है।

भाजपा विधायक बोले, मुसलमानों को विकास से मतलब नहीं

भाजपा के विसफी से विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने सोमवार को बातचीत में कहा कि मुसलमानों को विकास से कोई मतलब नहीं है। वे विकास के नाम पर वोट नहीं करते हैं। वे 21वीं सदी में भी वक्फ बोर्ड की बात कर रहे हैं।

राजद नेता अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने किया विरोध

राजद नेता अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने कहा कि ललन सिंह जदयू से अधिक भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। उनकी भाषा बता रही है कि वे भाजपा के हो गए हैं। लोकसभा में भी उन्होंने वक्फ बिल का समर्थन किया था। ललन सिंह का समाज जदयू के साथ नहीं है। जदयू की अब कोई नीति नहीं रह गई है।

एआइएमआइएम ने कहा, ललन का चरित्र उजागर हो गया

एआइएमआइएम के एक मात्र बिहार से विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि किसी धर्म विशेष को निशाना बनाना संविधान के खिलाफ है। ललन सिंह का चरित्र उजागर हो गया है। मुसलमानों की अनदेखी की जा रही है। जदयू अब भाजपा की बात कह रही है। सरकार में बैठे लोग अलगाव की भाषा बोल रहे हैं। ललन सिंह की भाषा आरएसएस की भाषा है।

द्वितीय अनुपूरक बजट में 32,506.90 करोड़ का प्रस्ताव, कारी सोहैब दो दिन के लिए निष्कासित

इस बीच, बिहार विधान परिषद शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को परिषद में अनुपूरक बजट का प्रस्ताव रखा गया है। द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी 2024-25 में प्रस्तावित 32,506.90 करोड़ का प्रस्ताव है। यह सत्र 29 नवंबर तक चलेगा। वहीं राजद एमएलसी को कारी सोहैब को दो दिन के लिए निष्कासित किया गया। मानसून सत्र के दौरान ही इस बात का निर्णय हो गया था कि राजद के एमएलसी कारी सोहैब शीतकालीन सत्र में दो दिनों के लिए निष्कासित रहेंगे। विधान परिषद की आचार समिति ने कार्रवाई की अनुशंसा की थी। राजद एमएलसी कारी सोहैब ने सदन में कही बातों के लिए माफी मांग ली थी। इसके बाद कारी सोहैब को शीतकालीन सत्र में दो दिनों के लिए निलंबित किया गया था। मामला बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के समय नीतीश कुमार के साथ सदन में दुर्व्यवहार से जुड़ा था। इसी मामले में राजद सदस्य कारी सोहैब को अगले सत्र के लिए शुरुआती दो दिन के लिए निलंबित किया गया था।

मुख्यमंत्री की नकल करने के आरोप में गई राजद नेता सुनील कुमार सिंह की सदस्यता

उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री की नकल करने का आरोप में राजद नेता सुनील कुमार सिंह की बिहार विधान परिषद की सदस्यता रद्द कर दी गई। इस साल की शुरुआत में सदन में अभद्र व्यवहार करने की घटना को लेकर विधान परिषद में प्रस्ताव पेश किया गया था। इसके बाद सदन ने सुनील कुमार सिंह के निष्कासन के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया था। सुनील कुमार सिंह के साथ ही राजद विधान परिषद के एक अन्य सदस्य (एमएलसी) मोहम्मद कारी सोहैब को भी दो दिनों के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया गया। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सोहैब ने जांच के दौरान अपने किए पर खेद जताया था जबकि सिंह ने अपनी बात नहीं मानी।