Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गयी। दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी है। अडानी रिश्वत और मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग उठा रहे विपक्ष ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश की। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही को पहले 12 बजे और बाद में दिनभर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। ऐसी ही स्थिति राज्यसभा की भी रही और कार्यवाही को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कार्यवाही पहले 11.45 और बाद में दिनभर तक के लिए स्थगित कर दी गई। कल संविधान दिवस मनाया जाएगा। अब लोकसभा और राजसभा की कार्यवाही बुधवार, 27 नवंबर को शुरू होगी।
हुड़दंगबाजी से संसद को नियंत्रित करने वालों को जनता ने नकारा : पीएम
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई थी कि संसद का शीतकालीन सत्र बहुत उत्पादक होगा और इससे भारत की वैश्विक स्थिति को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के बाहर शीतकालीन सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि संसद के समय का उपयोग और सदन में हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए जिससे वैश्विक स्तर पर भारत को जो सम्मान मिला है, वह और मजबूत हो। विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 80-90 बार जनता ने जिनको लगातार नकार दिया है, वे ना संसद में चर्चा होने देते हैं, ना लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं, ना ही वो लोगों की आकांक्षाओं का कोई महत्व समझते हैं। परिणाम स्वरूप जनता को बार-बार उनको रिजेक्ट करना पड़ रहा है।
कहा-लोकतंत्र की शर्त है कि हम जनता की भावनाओं का सम्मान करें
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र की शर्त है कि हम जनता की भावनाओं का सम्मान करें और उनकी आशाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए दिन-रात मेहनत करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बार-बार खासकर विपक्ष के साथियों से आग्रह करते रहे हैं और कुछ विपक्षी बहुत जिम्मेदारी से व्यवहार करते भी हैं। उनकी भी इच्छा रहती है कि सदन में सुचारू रूप से काम हो लेकिन लगातार जिनको जनता ने नकार दिया है, वे अपने साथियों की बात को भी दबा देते थे, उनकी भावनाओं का भी अनादर करते थे, लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते थे।
हम सबको जनता-जनार्दन की इन भावनाओं पर खरा उतरना ही पड़ेगा
इस सत्र के महत्व के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है और देश पूरे उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में भी लगा हुआ है। संसद का यह सत्र कई मायनों में विशेष है और सबसे महत्वपूर्ण बात संविधान के 75वें वर्ष में प्रवेश है। उन्होंने कहा कि कल (26 नवंबर) संविधान सदन में सब मिलकर इस संविधान के 75वें वर्ष की, उसके उत्सव की शुरुआत करेंगे। नए संसद सदस्यों के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे नए साथियों के पास नए विचार हैं। भारत को आगे ले जाने के लिए नई-नई कल्पनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत की संसद से वो संदेश भी जाना चाहिए कि भारत के मतदाता, उनका लोकतंत्र के प्रति समर्पण, उनका संविधान के प्रति समर्पण, उनका संसदीय कार्य पद्धति पर विश्वास, संसद में बैठे हुए हम सबको जनता-जनार्दन की इन भावनाओं पर खरा उतरना ही पड़ेगा।
संविधान दिवस’ पर दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगी राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मंगलवार को ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर संविधान सदन के केन्द्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगी। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केन्द्रीय मंत्री, संसद सदस्य, दिल्ली स्थित मिशनों के प्रमुख और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति भी दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला स्वागत भाषण देंगे। इस अवसर पर भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण और इसकी ऐतिहासिक यात्रा को दर्शाते हुए एक लघु फिल्म दिखाई जाएगी।