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रांची : सीएमपीडीआई को अपने मुख्यालय रांची में रिश्वत रोधी प्रबंधन प्रणाली के निगरानी ऑडिट के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद आईएस/आईएसओ 37001:2016 मानक के अनुसार संस्थान के रिश्वत रोधी प्रबंधन प्रणाली लाइसेंस को जारी रखने के लिए अनुशंसित किया गया है। यह ऑडिट 14 और 15 मई को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के लेखा परीक्षक द्वारा किया गया। लेखा परीक्षक ने सीएमपीडीआई के महाप्रबंधक सुदर्शन प्रसाद और संस्थान के रिश्वत रोधी अनुपालन टीम के प्रमुख को एबीएमएस की निरंतरता का प्रमाण-पत्र सौंपा। सीएमपीडीआई आईएसओ 37001:2016 प्रमाणन प्राप्त करने वाली कोल इंडिया लिमिटेड की एकमात्र अनुषंगी कंपनी है। ऑडिट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सीएमपीडीआई के एबीएमएस का कार्यान्वयन आईएसओ 37001:2016 अंतर्राष्ट्रीय मानक की आवश्यकताओं के अनुरूप कायम रहे तथा यह पूरे संगठन में प्रभावी रूप से कार्यान्वित और अनुरक्षित हो। दो-दिवसीय आकलन के दौरान सीएमपीडीआई के विभिन्न विभागों और कार्यों का गहन मूल्यांकन किया गया और पाया कि संगठन की रिश्वत रोधी प्रबंधन प्रणाली उपरोक्त मानक की आवश्यकताओं के अनुरूप है तथा नीति और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रभावी रूप से कार्यान्वित की गयी है।यह प्रमाणन इस बात का परिणाम है कि सीएमपीडीआई ने अपने व्यवसाय के दौरान रिश्वतखोरी के संभावित जोखिमों को समाप्त करने के लिए ईमानदार उपायों को लागू किया है। आईएसओ 37001 रिश्वत रोधी प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन को अपनाने और उसका अनुपालन करने से संगठन को एक व्यवहार्य रिश्वत रोधी प्रबंधन कार्यक्रम को लागू करके नैतिक व्यावसायिक आचरण में सम्बद्ध होने की अनुमति मिलती है। आईएसओ रिश्वत रोधी प्रबंधन प्रणाली रिश्वतखोरी जोखिमों की पहचान और व्यवहार्य रिश्वत जोखिम प्रबंधन प्रथाओं के निर्माण में एक शिक्षाप्रद और सम्पूर्ण मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करती है। रिश्वतखोरी रोधी प्रबंधन प्रणाली प्रबंधन, कर्मियों और अन्य हितधारकों के बीच यह विश्वास बढ़ाती है कि संगठन रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त और स्वीकृत प्रक्रियाओं का सक्रिय रूप से पालन कर रहा है।आईएसओ 37001 रिश्वतखोरी रोधी प्रबंधन प्रणाली द्वारा अनुशंसित उचित परिश्रम और आंतरिक जांच प्रक्रियाएं किसी संगठन को यह दिखाने के लिए प्रमाण (सबूत) पेश करने की अनुमति देती है कि उसने रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उचित कदम उठाए हैं।