सिकिदिरी जल विद्युत परियोजना की उपेक्षा से झारखंड को प्रतिदिन करोड़ों का नुकसान: अजय राय

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sunil Verma
रांची: झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने राज्य के एकमात्र चालू जल विद्युत परियोजना, सिकिदिरी जल विद्युत परियोजना की उपेक्षा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री हेमंत सोरेन से इस मुद्दे पर त्वरित संज्ञान लेने की अपील की है। एक पत्र के माध्यम से उन्होंने बताया कि यह परियोजना भारी वर्षा के चलते जल से लबालब होने के बावजूद निष्क्रिय पड़ी है, जिसके चलते प्रतिदिन राज्य को करोड़ों रुपये की आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। श्री राय ने स्पष्ट किया कि यह परियोजना झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के अधीन कार्यरत है और इसकी स्थापित उत्पादन क्षमता 130 मेगावाट है। इसके बावजूद, जब राज्य को सस्ती, स्वच्छ और हरित ऊर्जा की सबसे अधिक आवश्यकता है, यह संयंत्र ठप्प पड़ा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्थिति न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को दशार्ती है, बल्कि भ्रष्टाचार और लालफीताशाही की पोल भी खोलती है। श्रमिक संघ के अनुसार, सिकिदिरी परियोजना में प्रति यूनिट बिजली उत्पादन की लागत से भी कम आती है, जबकि राज्य इस समय बाहरी स्रोतों से 5 से 7 प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने को मजबूर है। श्री राय ने परियोजना की निष्क्रियता के लिए तीन कारण बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी आवश्यक उपकरणों की खरीद, मरम्मत और रखरखाव कार्यों में घोर अनियमितता पाई जा रही है। अधिकारियों पर कमीशन आधारित निर्णय लेने के गंभीर आरोप हैं। श्रमिक संघ ने मांग की है कि सिकिदिरी परियोजना के मामले में उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच करवाई जाए, दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और संयंत्र को यथाशीघ्र पुन: सक्रिय किया जाए। उन्होंने कहा कि यह परियोजना झारखंड की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत आधार बन सकती है, बशर्ते शासन स्तर पर इच्छाशक्ति दिखाई जाए।

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