Eksandeshlive Desk
धनबाद: आईआईटी आईएसएम में संस्थान के गणित और कंप्यूटिंग विभाग द्वारा आयोजित मॉडलिंग, विश्लेषण और सिमुलेशन के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए देश भर से विभिन्न तकनीकी और शैक्षणिक संस्थानों के लगभग 150 वैज्ञानिक, संकाय सदस्य और अनुसंधान विद्वान में एकत्र हुए एवं मशीन लर्निंग अवधारणाओं और अनुप्रयोगों,रक्षा अनुसंधान एवं विकास में अनुप्रयुक्त गणित के अनुप्रयोग, संक्रामक रोग आदि के मॉडलिंग के बारे में सीखा। मौका था तीन दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन का जिसका उद्घाटन शुक्रवार 29 जून कोआईआईटी आईएसएम के गोल्डन जुबली लेक्चर थिएटर में प्रोफेसर एसके तोमर, कुलपति, जेसी बोस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा, निदेशक आईआईटी (आईएसएम) के साथ किया।सम्मेलन के दौरान मेजबान संस्थान और विभिन्न शीर्ष रैंकिंग एनआईटी के वक्ताओं के अलावा आईआईटी गुवाहाटी,आईआईटी रोपड़,आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मंडी सहित देश भर के शीर्ष तकनीकी संस्थानों के 16 प्रतिष्ठित वक्ता प्रकाश तरंग प्रसार के सिद्धांत ग्रेडेड इंडेक्स क्लैडेड ऑप्टिकल फाइबर, सैंडविच संरचना में ध्रुवीकृत कतरनी तरंगों की गतिशीलता, सटीक कृषि के लिए एआई का उपयोग सहित अन्य प्रासंगिक मुद्दे पर विचार-विमर्श करेंगे। ।
उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन करते हुए प्रोफेसर एस के तोमर ने गणित शिक्षण और शिक्षा को लोकप्रिय बनाने में संकाय सदस्यों और अनुसंधान विद्वानों की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा अधिक पढ़ाने की तुलना में कम लेकिन गंभीरता से पढ़ाना अधिक महत्वपूर्ण है।आगे विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा बहुत अधिक पढ़ाते समय शिक्षक कुछ ऐसे विषयों में फंस जाते हैं जो बहुत प्रासंगिक नहीं होते हैं, इसलिए बहुत अधिक क्षेत्रों को कवर करने के बजाय सीमित विषयों को अधिक दक्षता और स्पष्टता के साथ पढ़ाना जरूरी है।उन्होंने शोधार्थियों को विषय की गहन जानकारी प्राप्त किए बिना एक के बाद एक शोधपत्र प्रकाशित करने वाली प्रकाशन मशीन न बनने की सलाह दी।प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा,निदेशक आईआईटी (आईएसएम) ने अपने संबोधन के दौरान कहा की सम्मेलन के लिए चुना गया विषय बहुत प्रासंगिक है
प्रोफेसर मिश्रा ने कहा इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में हम भी परियोजना के औपचारिक लॉन्च से पहले बहुत सारे सिमुलेशन करते हैं और चद्रयान -2 की सॉफ्ट-लैंडिंग का उदाहरण दिया। जहां अंतरिक्ष में औपचारिक लॉन्च से पहले पांच छह साल का सिमुलेशन किया गया था।
प्रोफेसर आर.के. उपाध्याय, विभागाध्यक्ष, गणित और कंप्यूटिंग ने सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में अपने संबोधन के दौरान सभा को मॉडलिंग,विश्लेषण और सिमुलेशन पर पहले राष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में जानकारी दी, जबकि प्रोफेसर एस.ए. साहू ने सम्मेलन में विभिन्न संस्थानों की भागीदारी का विवरण दिया। राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन सचिव प्रोफेसर ए.के.वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।