भारत में राम राज्य की परिकल्पना साकार हो रहा है: स्वामी दिव्यानंद

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Eksandeshlive Desk

रांची: कार्तिक मास की दीपावली के पश्चात माघ मास में भी दीपावली मनेगी। हिंदू राष्ट्र होने तक चैन से नहीं रहेंगे। इसके अतिरिक्त कई अन्य हिंदू सनातनियों को व्यवहार में लाने के लिए प्रख्यात हिंदू धर्मगुरु परम पूज्य स्वामी दिव्यानंद ने नगड़ी वासियों को बताया। आयोजन था श्री त्रिदिवसीय हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार समारोह सः रुद्र यज्ञ, एवं पँचकुंडी यज्ञ। ग्राम वासियों उपस्थिति हिंदुत्व जागरण का बोध करा रहा था। ऐसा जोश व उमंग महिला, पुरुष, युवा, बालक सभी के चेहरे में अयोध्या में होने वाले 22 जनवरी का उत्सव स्पस्ट रूप से देखने को मिला।
स्वामी दिव्यानंद ने कहा साढ़े पांच हज़ार वर्ष के पश्चात श्रीराम का पुनर्वतरण हो रहा है। श्रीराम लला के रूप में भगवान के जन्मस्थली श्री अयोध्या धाम में 500 वर्ष लग गए हमें श्री राम की धरती में ही राम को पाने में। स्वामी जी का उद्बोधन भक्तों में एक नया जोश भर दिया। स्वामी जी अपने उद्बोधन में हिंदू संस्कृति के संरक्षण एवं दैनिक व्यवहार को अपने आचरण में लाने पर जोर देकर कहा कि अपने जन्म दिवस को मनाने की प्रक्रिया सनातनी रूप से ही हो। हिंदुत्व की पहचान के लिए अपने दैनिक दिनचर्या में अपनी धार्मिक गतिविधियों को ब्यवहार में लाएं। किसी उत्सव में पशु बलि की कुप्रथा का उन्मूलन की बात भी कही। एक सनातनी की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए ऐसी अनेक कथनों के साथ लोगों को भाव विभोर कर दिया। भव्य कार्यक्रम में मुख्य भूमिका रही सुरेस्वरी महतो, छत्रधारी, पंडित घनश्याम मिश्रा, संजय, दुर्गेश, जयकिशन, महेश्वर महतो एवं अन्य।