बुलढाणा जिले में सड़क हादसे में मृत भिखारी के पास मिले लाखों रुपये

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Eksandeshlive Desk

मुंबई । महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के मेहकर में सड़क हादसे के बाद मृत भिखारी की गुदड़ी में लाखों रुपये नकद मिले हैं। उसकी गुदड़ी में कई बैंकों के पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड देखकर लोग हैरान रह गए। मृत व्यापारी की गुदड़ी में मिली यह नकदी, चेकबुक, पासबुक और एटीएम कार्ड मेहकर पुलिस स्टेशन की टीम ने मृत भिखारी की पत्नी और बच्चों को सौंप दिया है।

मेहकर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेंद्र शिंगटे ने मीडिया को बताया कि 8 नवंबर को डोनगांव रोड पर अस्पताल के सामने एक व्यक्ति साइकिल चला रहा था। उसी दौरान एक अज्ञात दोपहिया वाहन ने उसे टक्कर मार दी। इस हादसे में गंभीर रूप से घायल भिखारी को डॉ. सातपुते के अस्पताल में तत्काल भर्ती कराया गया। भिखारी की गुदड़ी सहित सभी सामान अस्पताल के सामने उसकी साइकिल पर पड़ा था। अस्पताल के डॉक्टर ने हादसे की सूचना मेहकर पुलिस स्टेशन की टीम को दी। उसके बाद घायल भिखारी को आकोला स्थित अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। मेहकर पुलिस ने भिखारी की साइकिल और गुदड़ी सहित सभी सामान अपने कब्जे में ले लिया था। इस बीच भिखारी की अकोला में इलाज के दौरान 10 नवंबर को मौत हो गई। उसकी गुदड़ी की तलाशी ली गई तो गुदड़ी खोलते ही पुलिस और वहां मौजूद लोग हैरान रह गए।गुदड़ी में एक लाख एक हजार रुपये नकद, कई बैंकों की पासबुक, चेक बुक, एटीएम कार्ड और चिल्लर से भरा बैग मिला।

एक्सिस बैंक की पासबुक में मई, 2023 तक की एंट्री मिलीं। उस खाते में करीब 26,000 रुपये हैं। मेहकर अर्बन बैंक की पासबुक में 1 लाख 9 हजार 284 रुपये हैं। इसके अलावा दो प्लास्टिक बैग, तीन से चार हजार रुपये कीमत की चिल्लर और कई अन्य बैंकों की पासबुक मिलीं। उनमें भी बड़ी रकम है। ये सब देखकर पुलिस हैरान रह गई। बैंक की पासबुक में एंट्री पांच से छह माह पहले की है। बैग में मौजूद दस्तावेज से पता चला कि वह अंजनी बुद्रुक का रहने वाला है। 8 नवंबर को पूरे दिन भिखारी की गुदड़ी अस्पताल के सामने पड़ी रही लेकिन किसी ने उसे छुआ तक नहीं। पुलिस टीम रविवार को मृतक भिखारी के गांव गई और मृतक की पहचान दीपक बाबूराव मोरे (उम्र 48) के रूप में हुई। मृतक की पत्नी चंदा दीपक मोरे और बेटे धम्मपाल दीपक मोरे को पुलिस टीम ने गुदड़ी में मिली रकम, पासबुक, एटीएम कार्ड और चेक सौंप दिया है।

गांव में पूछताछ के दौरान पता चला कि दीपक मोरे पिछले कई महीनों से शहर में भीख मांग रहा था। मृतक भिखारी का अंजनी बुद्रुक में टीन का मकान है। उसके परिवार की स्थिति बहुत खराब है। भिखारी दीपक मोरे के तीन विवाहित बच्चे हैं। आज ही मृतक भिखारी का उनके गांव अंजनी बुद्रुक में अंतिम संस्कार किया गया। गांव में उसकी गुदड़ी में मिले रुपये और पासबुक, चेकबुक तथा एटीएम कार्ड लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।