छठ महापर्व का त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार एक चैत्र के महीने में और दूसरा कार्तिक के महीने में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में चैती छठ पूजा मनायी जाती है।
इस साल चैती छठ पूजा 25 मार्च से नहाय खाय के साथ शुरू होगी और 28 मार्च को सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होगी।
सुख-समृद्धि की कामना करने वाली महिलाओं के लिए यह व्रत श्रेष्ठ माना जाता है
25 मार्च – नहाय खाय
26 मार्च – खरना
27 मार्च – संध्या अर्घ्य
28 मार्च – सूर्योदय अर्घ्य
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संतान की कामना करने वाली और परिवार के सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि की कामना करने वाली महिलाओं के लिए यह व्रत श्रेष्ठ माना जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार छठी मैया को भगवान सूर्य की बहन माना जाता है। मान्यता है कि छठ महापर्व में छठी मैया और भगवान सूर्य की पूजा करने से छठी मैया बहुत प्रसन्न होती हैं। इस व्रत के पुण्य से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।