AJAY JAISWAL
रांची: वाईबीएन विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी और स्कूल ऑफ कृषि एवं पशुपालन विभाग के साथ मिलकर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम संयोजक आशा पूरन के स्वागत भाषण से हुई। आज के एक दिवसीय संगोष्ठी के मुख्या वक्ता अतिथि वक्ता डॉ. आरपी रतन पूर्व कृषि प्रसार शिक्षा निदेशक, बीएयू, रांची एवं डॉ प्रिय रंजन कुमार, प्रधान वैज्ञानिक प्लांट बीडीडिंग आईएआरआई गौरीकर्मा बरही झारखंड थे। एक दिवसीय संगोष्ठी का विषय “कृषि स्थिरता के माध्यम से आजीविका और खाद्य सुरक्षा के लिए भविष्य के नवाचार और प्रौद्योगिकी” था। मौके पर विभाग संवाद के तीसरे संस्करण कृषक चेतना का विमोचन भी हुआ।
मौके पर बोलते हुए डॉ. आरपी रतन ने बताया कि दीर्घकालिक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतत विकास दृष्टिकोण को अपनाना महत्वपूर्ण है। खाद्य सुरक्षा और सतत विकास के बीच जटिल संबंध हरित क्रांति, जैव विविधता की हानि, पशुधन और मत्स्य पालन की कमी, मरुस्थलीकरण और जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हैं। वही डॉ प्रिय रंजन कुमार ने कहा कि टिकाऊ कृषि और खाद्य प्रणालियाँ जैसे कि जैविक कृषि और कृषि-पारिस्थितिकी खाद्य सुरक्षा में सुधार करती हैं, भूख मिटाती हैं और आर्थिक रूप से व्यवहार्य होती हैं, जबकि भूमि, जल, पौधे और पशु आनुवंशिक संसाधनों, जैव विविधता और पारिस्थितिक तंत्र का संरक्षण करती हैं और जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति लचीलापन बढ़ाती हैं।
संगोष्ठी के सफल आयोजन में आईक्यूएसी और स्कूल ऑफ कृषि एवं पशुपालन विभाग के एसोसिएट डीन कम एसोसिएट प्रोफेसर स्कूल ऑफ कृषि एवं पशुपालन विभाग डॉ अर्पणा शर्मा ,कार्यक्रम संयोजक आशा पूरन और सहा. प्रोफेसर डॉ आभा नूतन कुजुर का पूर्ण योगदान रहा। मौके पर वाईबीएन विश्वविद्यालय प्रशासन समिति की उपस्थिति के साथ साथ विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी और शिक्षक एवं छात्र-छात्राए मुख्य रुप से उपस्थित थे l डॉ अर्पणा शर्मा डीन एकेडेमिक्स कम एसोसिएट डीन कृषि एवं पशुपालन विभाग, वाईबीएनयू द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।