आखिर IAS छवि रंजन के ठिकानों पर ही ED की रेड क्यों?

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Ranchi: गुरुवार की अहले सुबह झारखंड समेत कई राज्यों में ED की दबिश जारी है. झारखंड में वर्ष 2022 के मई महीने से ही ED की कार्रवाई तेज है. एक-एक कर कई बड़े चेहरे ईडी की रडार पर आते जा रहे हैं. राज्य में आज यानी गुरुवार को ED की एक और बड़ी कार्रवाई चल रही है. ये कार्रवाई रांची के पूर्व डीसी और वर्तमान में समाज कल्याण विभाग के निदेशक IAS छवि रंजन के खिलाफ हो रही है. जमशेदपुर स्थित उनकी पत्नी लवली के घर के ठिकानों सहित कुल 22 ठिकानों पर ED की रेड चल रही है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक छवि  रंजन के आावास पर इसलिए छापेमारी की जा रही है क्योंकि जब रांची के बारियातू स्थित सेना की जमीन को गैरकानूनी तरीके से बेचा गया था तब वो रांची के डीसी थे. इस गैरकानूनी काम में इनकी संलिप्ता की बात सामने आई थी. ऐसे में यह छापेमारी उसी मामले को लेकर की गई है. छवि रंजन के अलावा ईडी के निशाने पर कई जमीन कारोबारी भी हैं. कई जिलों के सीओ और जमीन कारोबारियों के खिलाफ भी छापेमारी जारी है.

जमीन से जुड़े मामले को लेकर छापेमारी जारी

ED की यह कार्रवाई जमीन की गलत रजिस्ट्री, गलत म्युटेशन और जमीन के हेर-फेर से जुड़ा है. बरियातू में सेना की जमीन खरीद बिक्री मामले में IAS छवि रंजन के अलावा कई सीओ, सीआई और जमीन कारोबारी के ठिकानों पर भी ईडी की छापेमारी जारी है. जानकारी के मुताबिक, नामकुम सीओ विनोद प्रजापति और जमीन कारोबारी अशरफ खान के ठिकानों पर भी ईडी की रेड चल रही है. साथ ही बड़गाई अंचल के सीआई भानू प्रताप के सिमडेगा स्थित पैतृक आवास पर भी ईडी की टीम छापेमारी कर रही है. भानू प्रसाद का पैतृक आवास सिमडेगा बस स्टैंड के समीप झूलन सिंह चौक पर स्थित है. घर के बाहर सीआरपीएफ की टीम भी मौजूद है. गुरुवार की सुबह ED की टीम IAS छवि रंजन समेत अन्य लोगों के कुल 22 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. जिसमें रांची, जमशेदपुर, सिमडेगा, हजारीबाग, कोलकाता और बिहार का गोपालगंज शामिल है. आईएएस छवि रंजन वर्तमान में समाज कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर पदस्थापित हैं. रांची के पूर्व उपायुक्त और IAS छवि रंजन के ठिकानों पर ED की छापेमारी खबर लिखने तक जारी थी. यह छापेमारी जमीन से जुड़े मामले को लेकर बताया जा रहा है.

शीशम और सागवान के पेड़ की गैर-कानूनी तरीके से लगा था कटाई का आरोप

IAS छवि रंजन पर, रांची में डीसी रहते हुए बड़े पैमाने पर जमीन के घोटाले और कई बेशकीमती सरकारी पेड़ों की चोरी के आरोप हैं. ईडी अधिकारी IAS छवि रंजन के रांची और जमशेदपुर सहित 22 ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं. ये मामला वर्ष 2016 का है. IAS छवि रंजन के ऊपर डाक बंगला परिसर में लगे सरकारी शीशम और सागवान के पेड़ की गैर-कानूनी तरीके से कटाई का आरोप लगा था. इस बात का खुलासा आईएएस के अंगरक्षक कृष्ण वर्मा ने ACB की पूछताछ में की थी. पांच सागवान और एक शीशम का पेड़ कटवाने के मामले में चार लोगों के खिलाफ एसीबी में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. जिसमें, संदीप कुमार मधेशिया, जीवन राम और छवि रंजन के अंगरक्षक कृष्णा वर्मा और कंप्यूटर ऑपरेटर दिनेश तुरी का नाम शामिल था. अंगरक्षक कृष्णा वर्मा की 22 जनवरी 2016 को गिरफ़्तारी हुई और वही राज्य सरकार के द्वारा आईएएस छवि रंजन का तबादला कर दिया गया था.

IAS  छवि रंजन भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के अधिकारी

छवि रंजन भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के अधिकारी हैं. IAS में चयन के बाद उन्हें झारखंड कैडर मिला था. झारखंड में उनकी पहली पोस्टिंग चक्रधरपुर में एसडीओ के पद पर हुई थी. इसके बाद उन्हें लोहरदगा का DDC बनाया गया. फिर वो कोडरमा के DC बनाए गए थे, इस दौरान सरकारी वृक्ष काटने के आरोप में इनका ट्रांसफर कर दिया गया था. इसके बाद वो धनबाद नगर निगम के आयुक्त बनाए गए. धनबाद नगर निगम के आयुक्त के पद से छवि रंजन का तबादला समाज कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर किया गया. 2020 में उन्होंने रांची में डीसी के पद पर अपना पद ग्रहण किया था. तत्काल आईएएस छवि रंजन समाज कल्याण विभाग के निदेशक पद पर तैनात हैं. बता दें कि पिछले दिनों CM हेमंत सोरेन के रांची स्थित खदान लीज नवीनीकरण को लेकर तत्कालीन उपयुक्त रहे छवि रंजन सुर्खियों में थे, फिलहाल ये मामला भी ED की फाइलो में दर्ज है. IAS छवि रंजन और उनके करीबियों के यहां चल रहे रेड को लेकर सरकारी महकमों में हड़कंप मचा हुआ है.

BJP विधायक दल के नेता बाबूलाल ने किया ट्वीट

BJP विधायक दल के नेता बाबूलाल ने ट्वीट कर कहा है, कि खबर आ रही है कि हेमंत राज में रांची में हुए 10 हज़ार करोड़ रुपए के ज़मीन घोटाले के मुख्य किरदार आईएएस(पूर्व डीसी) छवि रंजन के रांची, जमशेदपुर सहित दूसरे राज्यों के कुल 22 ठिकानों पर ED की रेड चल रही है. ये वही अफ़सर है जिसने कोडरमा में डीसी रहते कीमती सरकारी सागवान के पेड़ों की चोरी की थी. इस मामले में चार्ज शीटेड यह अफ़सर हाई कोर्ट से ज़मानत पर है. हेमंत सोरेन जी को राजधानी रांची में डीसी जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए ऐसे ही अफ़सर की ज़रुरत थी. “प्रेम” की कृपा बरसी और छवि रांची में ज़मीन लूटपाट के लिए ही लाए गए. इनसबों ने देश और मातृभूमि की रक्षा करने वाली सेना तक की ज़मीन को बेच खाने में कोई कसर उठा नहीं रखा. इनकी करतूतों और इनके ख़िलाफ़ उच्चाधिकारियों की जांच एवं कार्रवाई की रिपोर्ट को दबाए बैठे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को मैं ने कई बार पत्र लिखकर कार्रवाई का अनुरोध किया लेकिन वो चुप्पी साधे रहे. हेमंत जी, अपराध करना और और अपराधी को बचाना समान जुर्म है. इस जॉंच की आंच भी अगर आप तक पंहुचेगी तो आदिवासी होने की दुहाई मत देने लगिएगा.