NUTAN KACHHAP
लोहरदगा: सोमवार को लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान के सभागार में राष्टपिता महात्मा गांधी एवं देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्म दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के सचिव सी0पी0यादव द्वारा दोनों महापुरुषों के फोटो पर माल्यार्पण करके किया गया। तपश्चात संस्थान के सभी सदस्यों द्वारा बारी- बारी से दोनों महापुरुषों को पुष्पांजली अर्पित की गई। मौके पर संस्थान के सचिव सीपी यादव ने अपने संबोधन में दोनों महापुरुषों के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि हम सब जानते हैं कि मोहन दास करमचंद गाँधी जी का जन्म 1869 में गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था और आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 1904 में आज के दिन 2 अक्टूबर को हुआ था। राष्टपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री दोनों ने देश की आजादी और बेहतर देश निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। जहाँ एक तरफ महात्मा गांधी ने दुनिया भर में स्वदेशी और चरखे का प्रचार किया, वहीं दूसरी ओर लाल बहादुर शास्त्री ने गांधी जी को भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों व आन्दोलनों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही। जिसके परिणामस्वरूप उन्हें कई बार जेलों में भी रहना पड़ा है। दोनों महापुरुषों ने बिना हथियार के ही अंग्रेजों के लिए असंभव कर दिया की वे भारत को अपने अधीन रख सकें, उनके संघर्ष ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर, जेम्स बेव और जेम्स लॉसन,नेल्सन मंडेला को उनके स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रभावित किया। इसलिए हम भारतीय उन्हें “बापू” और “राष्ट्रपिता” कहकर उनका सम्मान करते हैं। लाल बहादुर शास्त्री जी के योगदान का भी उतना ही अहमियत हैं। उनका नाम निश्चित रूप से पीढ़ियों तक अमर रहेगा।हम सब लोगों उनके दिखाये रास्तों पर चलने एवं उनके आदर्श और कर्यो को आत्मसात करना ही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इतना कहकर सचिव महोदय ने अपनी वाणी को विराम दिया। उसके बाद संस्थान के वरिष्ठ सदस्य केशव पाठक द्वारा विचार गोष्ठी में उपस्थित संस्थान के सदस्य धनेश्वर महतो, गणेश प्रसाद, नन्दलाल प्रसाद, कुन्ती साहु, अभय अलबेला, खुर्शीद अंसारी, मुकेश साहु, धीरेंद्र कुमार, सुधीर कुमार, जीतेन्द्र कुमार,पूनम देवी, नेहा खान, रुपेश मिश्रा, विवेक कुमार, मंगल एवं अन्य सदस्यों को धन्यवाद देते हुए विधिवत रूप से कार्यक्रम के समाप्त किया गया।