Eksandeshlive Desk
रांची : भारत की अग्रणी एकीकृत विद्युत कंपनी एनटीपीसी ने वित्त वर्ष 24 में 31 मार्च तक 34.39 एमएमटी के रिकॉर्ड कोयला उत्पादन के साथ अपनी पांच परिचालन कैप्टिव कोयला खानों से शानदार प्रदर्शन दर्ज किया है, जो भारत सरकार द्वारा निर्धारित 34 एमएमटी के वास्तविक लक्ष्य को पार करते हुए 48.21% की महत्वपूर्ण वृद्धि है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 24 में 31 मार्च, 2024 तक 34.15 एमएमटी का प्रभावशाली कोयला प्रेषण हासिल किया, जिसमें 55.50% वृद्धि हुई। इसके अलावा, इसने 1640 करोड़ रुपये का कैपेक्स उपयोग हासिल किया जो 1565 करोड़ के लक्ष्य का 104.8% है।
इसके अलावा, एनटीपीसी कोयला खनन ने क्रमश: 1.8 एलएमटी (30.03.2024 को) और 1.29 एलएमटी (28.03.2024 को) का अब तक का सबसे अधिक एक दिन का कोयला उत्पादन और प्रेषण हासिल किया। कोयला उत्पादन केरेडारी कोयला खनन परियोजना, एनटीपीसी की 5 वीं कैप्टिव माइन से शुरू हो गया है। एनटीपीसी की सभी कोयला खदानों ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है और उनसे अधिक कर लिया है तथा भविष्य में नए मानक स्थापित करने के लिए कमर कस ली है।
दुलंगा कोयला खनन परियोजना ने कोयला मंत्रालय से 5 स्टार रेटिंग हासिल की है, और यह पिछले तीन वर्षों से देश की शीर्ष 3 खानों में से एक है। एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड को ट्रिपल ए की क्रेडिट रेटिंग प्राप्त हुई है।
एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड (एनएमएल), एनटीपीसी लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी को कोयला मंत्रालय से सभी 6 कोयला खानों का वेस्टिंग आॅर्डर प्राप्त हुआ है और इसने कोयला मंत्रालय द्वारा आयोजित कोयला ब्लॉक नीलामी में उत्तरी दादू (पूर्व) कोयला ब्लॉक के लिए बोली जीती है।
अब तक, एनटीपीसी ने अपनी पांच प्रचालनात्मक कैप्टिव कोयला खानों अर्थात झारखंड में पकरी बरवाडीह और चट्ट-बरियातू और केरेनदारी कोयला खदानों, ओडिशा में दुलंगा कोयला खान और छत्तीसगढ़ में तलाईपल्ली कोयला खान से लगभग 103+ मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कोयले का उत्पादन किया है।
एनएमएल एनटीपीसी थर्मल उत्पादन का 13% ईंधन भर रहा है, जिससे ऊर्जा आत्मनिर्भरता में योगदान दे रहा है और प्रति वर्ष 100 मिलियन टन की क्षमता तक पहुंचने की कल्पना करता है।