फ्लोरोसिस एक लाइलाज बीमारी है, बचाव ही इसका इलाज है: डॉ. तूलिका रानी

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यह धीरे-धीरे हड्डियों को खत्म करने की क्षमता रखती हैं

Ketu Singh

रजरप्पा: सिविल सर्जन रामगढ़ डॉ. महालक्ष्मी प्रसाद के निर्देशानुसार जिला नोडल पदाधिकारी एनपीपीसीएफ डॉ. तूलिका रानी के नेतृत्व में राजकीय बुनियादी विद्यालय चितरपुर में एनपीपीसीएफ कार्यक्रम के तहत फ्लोरोसिस बीमारी से संबंधित जाँच कैम्प का आयोजन किया गया।
कैम्प के दौरान डिस्ट्रिक्ट कन्सल्टेंट डॉ. पल्लवी कौशल एवं सीएचओ सलोमी कुजूर के द्वारा कुल 126 बच्चों की जांच की गई एवं मौके पर 26 बच्चों में फ्लोरोसिस के लक्षण पाए जाने पर जितेन्द्र कुमार के द्वारा उनका यूरिन सैम्पल का जांच किया गया एवं 05 बच्चों में फ्लोरोसिस बीमारी की पुष्टि की गई। वहीं कार्यक्रम के दौरान जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी-सह-नोडल पदाधिकारी एनपीपीसीएफ डॉ. तूलिका रानी द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि फ्लोरोसिस एक लाइलाज बीमारी है जो धीरे-धीरे हड्डियों को खत्म करने की क्षमता रखती हैं एवं बचाव ही इसका इलाज है। इस बीमारी से बचाव सभी को अपने खाने में हरी सब्जी, फल एवं दुध जैसे पदार्थों को शामिल करना चाहिए और काला नमक के उपयोग से परहेज करना चाहिए क्योंकि काला नमक फ्लोरोसिस बीमारी का एक बहुत बड़ा कारण है। साथ ही उन्होंने सभी को जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी व्यक्ति फ्लोरोसिस की निःशुल्क जाँच सदर अस्पताल में करा सकते हैं। शिविर को सफल बनाने में सीएचओ सलोनी कुजूर, जितेन्द्र कुमार, अरविंद कुमार, एएनएम एवं संबंधित क्षेत्र की साहिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कैम्प के दौरान निम्नलिखित बिंदुओं पर जानकारी दी गई

  1. जंक फ़ूड जैसे चाट-गुपचुप जैसे पदार्थों का कम से कम सेवन करना की सलाह दी गई।
  2. अपने आहार में फल, हरी सब्जी, दूध जैसे पदार्थों को नियमित रूप से शामिल करने की सलाह दी गई।
  3. काली चाय के सेवन से बचने की सलाह भी दी गई।
  4. फ्लोरोसिस के लक्षण दिखने पर सदर अस्पताल आकर नि:शुल्क जांच करवाएं।
  5. नल के जल को बोरिंग से ज्यादा प्राथमिकता देने की सलाह दी गई।