धनबाद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SNMMCH में बुधवार की रात अचानक सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंचे. देखते ही देखते मरीजों की संख्या इतनी हो गई की अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड परिसर भी भर गया. अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर से लेकर अंदर तक सभी ओर सिर्फ मरीज ही मरीज नजर आ रहे थे. अस्पताल के फर्श से लेकर बाहर तक मरीजों की लंबी कतार लगी हुई थी.
बता दें कि इलाज कराने आए मरीजों में दो साल के बच्चे से लेकर बड़े-बुजुर्ग सभी शामिल थे. अस्पताल में इलाज कराने के लिए हर कोई भागता-दौड़ता नजर आ रहा था.
अस्पताल में स्थिति ऐसी हो गई थी कि परिजन हाथों में स्लाइन की बोतल पकड़ खुद अपने मरीज के लिए सही स्थान की तलाश में लगे हुए थे. स्लाइन की बोतल टांगने के लिए जहां भी जगह मिल रही थी. वहीं, उसे टांग दे रहे थे.
बता दें कि छोटे-छोटे बच्चों को परिजन एक हाथ से अपने गोद में लिए और दूसरी हाथ से स्लाइन पकड़े हुए थे. मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि परिजनों और डॉक्टरों के बीच थोड़ी नोक-झोंक भी हुई. वहीं, डॉक्टरों की टीम भी मरीजों को संभालने में जुटी रही.
क्या था मामला?
बता दें कि बलियापुर थाना क्षेत्र के करमाटांड़ में चड़क भोक्ता पूजा के दौरान मेला लगा था. करमाटांड़ गांव के लोग मेला घूमने के लिए पहुंचे हुए थे. मेला घूमने आए लोगों की अचानक तबियत बिगड़ने लगी. लोगों को उल्टी और चक्कर आने की शिकायत पर SNMMCH लाया जाने लगा. धीरे-धीरे मेला घूमने पहुंचे बच्चे और बड़े-बुजुर्ग सभी बेचैन होने लगे. सभी को उल्टी और चक्कर आने की शिकायत मिलने लगी. जिसके बाद मेले में ही अफरा-तफरी मच गई. लोग अपने-अपने मरीजों को लेकर SNMMCH पहुंचने लगे.
मिली जानकारी के अनुसार मेले में चाट, चाउमीन और ठेले पर बेचे जा रहे सामानों के खाने के बाद ही लोगों की तबियत बिगड़ी है. तबियत बिगड़ने के बाद आनन-फानन में लोगों को SNMMCH अस्पताल लाया गया.
SNMMCH में डॉक्टरों की टीम लगाई गई
अस्पताल पहुंचते ही सबसे पहले सभी मरीज को स्लाइन और इंजेक्शन की डोज दी गई. SNMMCH के अलावा सैकड़ों मरीज का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है. मिली जानकारी के अनुसार दर्जन भर मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है. ऐसे में SNMMCH में डॉक्टरों की टीम लगाई गई ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो.