झारखण्ड सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही : सहदेव राम

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रांची: जे.एस.एस.सी. सीजीएल परीक्षा को झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा के लिए विज्ञापन 2015 में जारी किया गया था। इसके बाद 2019 में आवेदन लिया गया, तीसरी बार 2021 में पुन: आवेदन लिया गया, लेकिन परीक्षा नहीं ली गई। चौथी बार 2023 में परीक्षा आयोजित करने के लिए आवेदन लिया गया तथा विज्ञापन संख्या-10/2023 एवं 11/2023 के आधार पर 28 जनवरी और 04 फरवरी को तिथि निर्धारित की गई। 28 जनवरी को अभ्यार्थी परीक्षा में शामिल हुये किन्तु एक दिन पहले ही तृतीय पाली (सामान्य ज्ञान) की परीक्षा पेपर लीक हो गई तब 28 तारीख को रात में ही झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 28.01.2024 को हुये सम्पन्न तृतीय पाली (सामान्य ज्ञान) की परीक्षा रद्द किया गया तथा अपरिहार्य कारण बताया गया। इतना होने के बावजूद भी सरकार को समझ में आना चाहिए कि 08 वर्षों से युवाओं ने धीरज रखकर परीक्षा की तयारी की किन्तु पेपर लीक होने से मेधावी छात्रों में असंतोष और रोष व्याप्त ह। क्योंकि झारखण्ड में बेरोजगारी की संख्या लगभग 18 प्रतिशत हजबकि शहरी क्षेत्रों में करीब 20 प्रतिशत ह। इतना ही नहीं राज्य सरकार द्वारा अनेको परीक्षायें स्थगित की गई तथा युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा ह। इस संबंध में एनएफडब्ल्यूएसएस के डॉ सहदेव राम ने झारखण्ड के राज्यपाल से मांग करते हं कि सरकार के द्वारा आयोजित परीक्षा में पेपर लीक की जॉच सी०बी०आई० से करा कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई की जाय ।