जुलूस ए मोहम्मदी से गुलजार हुआ शिकारीपाड़ा मुस्तफा का नारो से गुंजा आसमान

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शिकारीपाड़ा/दुमका: शिकारीपाड़ा में  ईद मिलाद उन-नबी जन्म उत्सव में धूमधाम के साथ जुलूस निकालकर मनाया गया यह जुलूस गणेशपुर मिशन होते हुए शिकारीपाड़ा मैन चॉक पार कर के सभी मुसलमान काफी जोर-शोर और पूरे एहतराम के साथ यह त्योहार मनाया। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार तीसरे महीने मिलाद उन-नबी की शुरुआत हो जाती है। इसके 12वें दिन यह त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को ईद-ए-मिलाद या बारावफात  के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें 12 रबी-उल-अव्वल की तारीख में होने वाला यह त्योहार मुस्लिम समुदाय के लिए काफी ज्यादा महत्व माना जाता है।

आपको बताते चले ईद मिलाद-उन-नबी का त्योहार दुनिया भर में विशेष रूप से मनाया जाता है। पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में इस दिन उनके सम्मान में जुलूस निकाला जाता है और जगह-जगह बड़े आयोजन भी किए जाते हैं। इस दिन शाम से ही जश्न की शुरुआत हो जाती है, मस्जिद और दरगाह के साथ साथ लोग अपने घरों में इसको पूरे अकीदत के साथ मनाते हैं। इस्लाम को मानने वाले लोग इस दिन  लंगर करते हैं साथ ही जरूरत मंदों को  देते हैं इसके अलावा उनके लिए खाने पीने का पूरा इंतजाम करते हैं।

यह  त्योहार पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन रात भर अल्लाह की इबादत की जाती है और घरों और मस्जिदों में कुरान पढ़ा जाता है। इस मौके पर घर और मस्जिद को सजाया जाता है और मोहम्मद साहब के संदेशों को पढ़ा जाता है। हजरत मोहम्मद साहब का एक ही संदेश था कि मानवता को मानने वाला ही महान होता है। इसलिए हमेशा मानवता की राह पर चलना चाहिए। ऐसे में लोग इस दिन गरीबों में दान करते हैं. ऐसी मान्यता है कि ईद मिलाद उन-नबी के दिन दान और जकात करने से अल्लाह खुश होते है। सुरक्षा के कड़ी निगरानी के साथ यह जुलूस शिकारीपाड़ा बाजार में निकाला गया मौके पर शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी वकार हुसैन सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल मौजूद थे।