नई दिल्ली: राष्ट्रपति ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में विश्वविद्यालय, एनएसएस इकाइयों और एनएसएस वालंटियर को 2021-22 के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार प्रदान किए। यह पुरस्कार 41 व्यक्तियों को सामाजिक सेवाओं में उनके योगदान के लिए दिया गया। पुरस्कार पाने वालों में डॉ. रामबीर सिंह चौहान (उत्तर प्रदेश), डॉ. मिताली कथकटिया (असम), डॉ. रंजन शर्मा (चंड़ीगढ़), डॉ. मलकियत सिंह (हिमाचल प्रदेश), डॉ. राघवेन्द्र आर (कर्नाटक), डॉ. एस. लक्ष्मी (केरल), डॉ. इंदिरा बर्मन (मध्य प्रदेश), डॉ. पवन रमेश नायक (महाराष्ट्र), जोसेफ वनलालह्रुइया सेलो (मिजोरम), डॉ. रेनू विष्ट (उत्तराखंड), बबीता प्रसाद (पश्चिम बंगाल), कुरुबा जयमारुथि (आंध्र प्रदेश), पेल्लाकुरू सात्विका (आंध्र प्रदेश), साजिश अली (असम), मैक्स कुमार (बिहार), बनश्री काकती (असम), सागर रॉय (चंड़ीगढ़), कुमुधिनी साओ (छत्तीसगढ़), अलीशा अंसारी (छत्तीसगढ़), अनुज (दिल्ली), पटेल सोनल चमनभाल (गुजरात), शालीन मनीष कुमार पटादिया (गुजरात), दीपक सिंह (हरियाणा), काजल कौशिक (हरियाणा), ऋषभ चौधरी (हिमाचल प्रदेश), किफ़ायतुल्लाह मलिक (जम्मू और कश्मीर), अभिषेक रंजन (झारखंड), अंकित लखेरा (मध्य प्रदेश), अक्षिता शर्मा (मध्य प्रदेश), जाह्नवी विजय पेडीवार (महाराष्ट्र), वेदांत सुदाम डाइक (महाराष्ट्र), श्रिया मैनी (पंजाब), शुभम पारीक (राजस्थान), ममता कुमावत (राजस्थान), गुंडे परशुरामुलु (तेलंगाना), दवेरा मनोज खन्ना (तेलंगाना), अली देबनाथ (त्रिपुरा), सुब्रत साहा (त्रिपुरा), लक्ष्य (उत्तर प्रदेश), संजना सिंह (उत्तर प्रदेश) और अभिजीत भुइन (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं।
इस मौके पर युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और युवा मामले और खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक भी मौजूद रहे। केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा स्थापित एनएसएस पुरस्कार हर साल एनएसएस वालंटियर, कार्यक्रम अधिकारियों, एनएसएस इकाइयों और विश्वविद्यालयों/ 2 परिषदों को उनकी स्वैच्छिक सेवा को मान्यता देने के लिए प्रदान किए जाते हैं। एनएसएस एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसे स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से छात्र युवाओं के व्यक्तित्व और चरित्र को विकसित करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ वर्ष 1969 में शुरू किया गया था। एनएसएस का वैचारिक रुझान महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित है। एनएसएस का आदर्श वाक्य ‘स्वयं से पहले आप’ है।