किसी पहाड़ से उतरती है जब नदी : प्रीता झा

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Eksandeshlive Desk
राँची : महिला काव्य मंच पूर्वी ज़िला इकाई राँची की जून मास की गोष्ठी भीषण गर्मी के मद्देनज़र ऑनलाइन आयोजित की गई । शनिवार दोपहर तीन बजे से हुई इस गोष्ठी को मंच के मार्गदर्शक द्वय श्री नरेश नाज एवं श्रीमती नियति गुप्ता के दिशानिर्देशों के अनुसार सरस्वती वन्दना तथा मंत्रोच्चार से आरंभ किया गया अपने स्वागत संबोधन में मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष सारिका भूषण ने अपने आशीर्वचन में सदस्यों की सक्रियता का उल्लेख करते हुए उन्हें बधाई दिया !मंच की वरिष्ठ सदस्य सुरिंदर कौर नीलम ने अपने संदेश मंच के निरंतर आगे बढ़ने की शुभकामना दी।*कुछ साँसे अटकी रहती है कुछ साँसे चलती रहती है, सारिका भूषण ने,
जीते जी सब बेमानी हों गया
अपनों का खून अब पानी हो गया__रेणु झा ने,
किसी पहाड़ से जब उतरती है नदी
तो अपने उतरने का एलान करती नदी-प्रीता झा ने पढ़ी।
रचना पाठ करने वाली सदस्याओं में सुनीता अग्रवाल , सुमिता सिन्हा,प्रतिभा सिंह ,सरोज गर्ग,भावना अम्बष्ठ,सूरिंदर कौर नीलम,प्रतिभा मिश्र ,रश्मि सिन्हा,ख़ुशबू बरनवाल,रेखा जैन ,उर्मिला सिन्हा,मंज़ुला सिन्हा,सीमा सिन्हा, अनुप्रभा भारती ,मधुमिता साहा,कविता रानी , सुनीता श्रीवास्तव ,संध्या उर्वशी , अर्चना श्रीवास्तव ,बिंदु प्रसाद , रेखा पांडेय,मंज़ुला शरण , मंजुलिका भारती ,अनुपम श्री , पुष्पा सहाय ,सोनल थेपड़ा,जयपूर्णा के नाम प्रमुख हैं । संचालन प्रीता झा तथा धन्यवाद ज्ञापन रेणु झा ने किया।