मां दुर्गे की हठ साधना, लोहे की कील के बेड पर लेटकर एक किशोरी कर रही है नवरात्र का कठिन व्रत

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Eksandeshlive Desk

लातेहारः शारदीय नवरात्र के इस पावन अवसर पर माता रानी को प्रसन्न करने के लिये भक्त अपने-अपने अंदाज में अनुष्ठान कर रहे है। वहीं कुछ भक्त ऐसे भी हैं जिन्होंने पूरे नवरात्र में फलहार पर रहने का संकल्प लिया है तो वहीं कुछ भक्त उससे भी कठिन साधना कर रहे हैं। लातेहार की पोचरा पंचायत अंतर्गत मदुआखाड़ गांव की एक भक्त ने ऐसा ही कठिन व्रत किया है जिसे देखकर और सुनकर लोग काफी आश्चर्यचकित है।
मदुआखाड़ गांव की रहने वाली अनिशा कुमारी ने पूरे नवरात्रि तक लोहे की कील के बिस्तर पर लेट कर ही व्रत करने का संकल्प ली है और उसने यह कठिन साधना को शुरू भी कर दी है। अनिशा सुबह और शाम में 2-2 घंटे तक अपने शरीर के ऊपर कलश स्थापित करते हुये माता की आराधना कर रही है। अनिशा को व्रत करते हुये देख कर ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि शक्ति स्वरूपा माता साक्षात इस हठ साधना के लिये उसे शक्ति प्रदान कर रही हैं।

दरअसल, कहा जाता है कि भक्ति में अपार शक्ति होता है जब भक्त अपनी भक्ति के बल पर कुछ कर गुजरने की ठान ले तो  ईश्वर भी अपने भक्तों के संकल्प को पूरा करने में अपनी पूरा सहयोग प्रदान करते है। मदुआखाड़ गांव की रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी अनिशा कुमारी का संकल्प और उनके द्वारा किये जा रहे कठिन व्रत इस बात को चरितार्थ करता हुआ नजर आ कर रहा है।

अनिशा कुमारी लगभग 32 किलोग्राम लोहे की कील से बने बिस्तर पर लेट कर नवरात्र में मां दुर्गे की आराधना कर रही है। पूरे नवरात्र वह इस कील के बिस्तर पर ही सोई हुई रहेगी। सुबह और शाम जिस समय दुर्गा पाठ करती है उस समय भी कील के बिस्तर पर लेटकर सुबह और शाम दो-दो घंटे अपने शरीर के ऊपर कलश भी स्थापित कर लेती है शाम में सिर्फ फलाहार करती हैं उसके में बाद पुनः इसी प्रकार कील से बने बिस्तर पर लेट जाती है।

इधर, कठिन व्रत कर रही अनिशा के परिजन भी उसे इस अनुष्ठान को पूरा करने में भरपूर सहयोग कर रहे है अनिशा की मां सीमा देवी ने बताया कि नवरात्र आरंभ होने से पहले ही अनिशा ने कहा था कि वह लोहे की कील के बिस्तर पर सोकर इस बार नवरात्रि करेगी। पहले तो परिजनों को कुछ समझ में नहीं आया था लेकिन यह देवी शक्ति का प्रताप ही था कि अनिशा जिस प्रकार की बेड बनवाना चाह रही थी ठीक उसी तरह का बेड बन गया।
उन्होंने बताया कि लगभग 32 किलो लोहे की कील का उपयोग कर बेड का निर्माण किया गया है। उसी बेड पर लेट कर अनिशा ने व्रत आरंभ किया है
हालांकि अनिशा को ऐसा व्रत करने का विचार कैसे और कहां से आया यह किसी को अभी तक पता नहीं है परिजनों का कहना है कि माता के आदेश और आशीर्वाद से अनिशा के मन में इस प्रकार व्रत करने का संकल्प आया होगा।

इधर, इस संबंध में व्रत कर रहीं अनिशा कुमारी ने कहा कि वह पूरे नवरात्र में इसी बेड पर लेटकर व्रत का पालन करेगीं उन्होंने कहा कि इस प्रकार से व्रत करने के बावजूद उन्हें किसी प्रकार का कोई भी परेशानी महसूस नहीं हो रहा है उसे माता की शक्ति और आशीर्वाद पर अटूट विश्वास है।

इधर, लातेहार के प्रसिद्ध विद्वान पंडित संतोष मिश्रा ने बताया कि नवरात्र में माता के भक्त कठिन साधना भी करते है इस प्रकार के पूजा को हठ योग कहा जाता है। उन्होंने कहा कि यह शक्ति स्वरूपा माता के आशीर्वाद से ही संभव हो पाता है कठिन व्रत करने के बावजूद माता के आशीर्वाद से व्रत करने वाले लोग आनंद में रहते हैं। 

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