sunil verma
रांची: रांची में मंडल स्तरीय रेलवे की सांसदों की मंडल स्तरीय बैठक बुधवार को संपन्न हुई। रांची रेल मंडल और चक्रधरपुर रेल मंडल से जुड़े सभी सांसद इस बैठक में उपस्थित हुए। वहीं इस बैठक में दोनों मंडलों के रेलवे के अधिकारी और महाप्रबंधक भी मौजूद रहे। सांसद संजय सेठ ने इस बैठक में जहां अपना एजेंडा दिया और उसे पर चर्चा की। इसके अलावा रांची के कई ज्वलंत मुद्दों पर भी प्रमुखता से अपनी बात रखी। रेलवे के द्वारा रांची स्टेशन के समीप बने मंदिर को हटाने के नोटिस के मामले में सांसद ने अधिकारियों का ध्यान खींचा और स्पष्ट रूप से कहा कि मंदिर हमारी आस्था के केंद्र हैं। मंदिरों से लोगों का भावनात्मक लगाव होता है। मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। इसलिए किसी भी कीमत पर इस तरह का कोई कदम उठाने से पहले, किसी भी क्षेत्र में रेलवे के अधिकारियों को संबंधित जनप्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए। उसके बाद ही इस तरह का कोई कदम उठाना चाहिए। संसद में स्पष्ट रूप से कहा कि मंदिर आस्था के केंद्र हैं। मामला संवेदनशील है। योजना बनाने से पहले विचार करें। नोटिस देने से पहले विचार करें। जनमानस को पीड़ित करने वाला काम नहीं करें। हम भी विकास चाहते हैं। जनभावनाओं के साथ यह काम किया जाए। बीच का रास्ता निकालें। मंदिर का गर्भगृह नहीं छेड़े। सांसद श्री सेठ ने कहा कि माननीय रेलमंत्री जी ने अपने रांची प्रवास के क्रम में स्पष्ट रूप से कहा है कि जनता के सुझाव पर जनता के विकास के कार्य किए जाएंगे। ऐसे में रेलवे के द्वारा इस तरह का नोटिस दिया जाना जन भावनाओं को भड़काने वाला है। रेलवे के अधिकारियों को इस मामले पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए। वहीं सांसद ने कहा की नामकुम, टाटीसिलवे और सिल्ली रेलवे स्टेशन में पूर्व की भांति सभी ट्रेनों का ठहराव अविलंब सुनिश्चित किया जाए। सिल्ली मुरी के बांसारूली में भी सड़क निर्माण का मामला भी सांसद ने बैठक में उठाया।इसके अलावे नामकुम में फुट ओवरब्रिज निर्माण पर काम करने का सुझाव सांसद ने अधिकारियों को दिया। श्री सेठ ने कहा चुटिया में ओवर ब्रिज का प्रस्ताव भेजें। यह प्रयास हो कि किसी का घर नहीं टूटे। अब बेहतर तकनीकी का इस्तेमाल करें और यह कार्य करें। किसी भी नागरिक का घर नहीं टूटे यह ध्यान रखें।
सांसद श्री सेठ ने इस बैठक में रांची से बेंगलुरु चेन्नई एनार्कुलम कोयंबटूर के लिए साप्ताहिक अंत्योदय ट्रेन का परिचालन करने, हटिया सनकी पैसेंजर का बरकाकाना तक विस्तार करने के लिए कहा। साथ ही यह भी कहा कि कई मामलों में राज्य सरकार के द्वारा प्रस्ताव नहीं भेजा जाता है, ऐसी स्थिति में रेलवे को संवेदनशील बनना चाहिए और राज्य सरकार से प्रस्ताव मांगने की पहल करनी चाहिए।