नेपाल : धर्मनिरपेक्ष संविधान की आड़ में दिन-ब-दिन धर्मांतरण तेजी से बढ़ रहा : अस्मिता भंडारी

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Ashutosh Jha

काठमांडू : विश्व में एकमात्र हिंदू साम्राज्य के रूप में पहचाने जाने वाले देश नेपाल में धर्मनिरपेक्ष संविधान की आड़ में दिन-ब-दिन धर्मांतरण तेजी से बढ़ रहा है, वहीं धार्मिक और सामाजिक सौहार्द को भड़काने वाली विभिन्न गतिविधियां भी बढ़ रही हैं, विश्व हिंदू महासंघ इस मुद्दे को लेकर गंभीर और चिंतित है, जिसका देश की धार्मिक संघर्ष भूमि पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है। इसी तरह, संवैधानिक राजशाही और हिंदू प्रभुत्व की बहाली के लिए काठमांडू में एक शांतिपूर्ण विरोध सभा के दौरान योजनाबद्ध हत्या, हिंसा, बर्बरता और आगजनी की घटना से महासंघ बहुत चिंतित है। उक्त जानकारी विश्व हिंदू महासंघ की अध्यक्ष अस्मिता भंडारी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।

घटना की निष्पक्ष जांच के लिए उच्च स्तरीय न्यायिक जांच आयोग के गठन की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान राज संस्था पुर्नस्थापना समिति के संयोजक नवराज सुवेदी को उनके आवास पर ही हिरासत में ले लिया गया, जबकि राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के वरिष्ठ नेता रवींद्र मिश्र, माननीय धवल शमशेर राणा, महासचिव व प्रतिनिधि सभा के सदस्य, कार्यकर्ता पशुपति खड़का व अन्य हिंदू कार्यकर्ताओं ने पुलिस हिरासत में रहे सभी हिंदू कार्यकर्ताओं को तत्काल रिहा करने की मांग की है। साथ ही राष्ट्र, राष्ट्रीयता, धर्म संस्कृति बचाओ महाभियान के संयोजक दुर्गा प्रसाई के मानवाधिकार की गारंटी के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और नेपाल सरकार से अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हनुमान जयंती के अवसर पर बीरगंज में हिंदू और मुसलमानों के बीच संघर्ष समाज को अराजकता की ओर ले जाएगा।