शहीद संतोष उरांव को दी गई अंतिम विदाई

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Eksandeshlive desk

घाघरा : सीआरपीएफ के जवान घाघरा के तुरियाडीह निवासी संतोष उरांव की बम विस्फोट में की चपेट में आने से मौत हो गई। इसकी सूचना जैसे ही घाघरा में लोगों को मिली, पूरे इलाके में मायूसी छा गया। लोग शनिवार की सुबह से ही मुख्य पथ पर इकट्ठा होकर पार्थिव शरीर को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए जुटे रहे। जिसके बाद सुबह करीब 9 बजे जैसे ही पार्थिव शरीर को लेकर पुलिस प्रशासन प्रखंड मुख्यालय होते हुए तुरियाडीह गांव जाने लगे, इस दौरान इकट्ठा हुए लोगों ने भारत माता की जय, संतोष उरांव अमर रहे का नारा लग रहे थे। इस क्रम में मौजुद लोगों का आंखे नम थी, कुछ लोग रोते हुए भी नजर आए। प्रखंड मुख्यालय स्थित चांदनी चौक में पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि देते हुए विद्यार्थी और घाघरा के प्रबुद्ध जन मौजूद थे। सड़क के दोनों ओर घाघरा वासियों नेअपने हाथ में तिरंगा झंडा लेकर कतारबद्ध खड़े थे। बताते चलें कि शुक्रवार को सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान चाईबासा जिले के गोईलकेरा स्थित हाथीबुरु के जंगल में अचानक ही आईडी विस्फोट हो गया। जिसमें गुमला जिला के घाघरा स्थित तुरियाडीह गांव निवासी संतोष उरांव की मौत हो गई। जो सीआरपीएफ-94 बटालियन में सैनिक के रूप में तैनात थे यहां बताते चलें कि चाईबासा के गोइलकेरा थाना क्षेत्र में बीते दिन नक्सलियों के विरुद्ध सर्च अभियान चलाया जा रहा था और इसी दौरान जवान संतोष उरांव एवं दो अन्य जवान नक्सलियों द्वारा बिछाएं गए लैंड माइंस की चपेट में आ गए थे जिसमें संतोष उरांव शहीद हुए थे तो अन्य दोनों जवान भी गंभीर रूप से घायलावस्था में रांची में इलाज कराने के लिए भर्ती कराया गया था।

उपायुक्त ने दिया एक लाख का चेक

शहिद संतोष के पत्नी फुल सुंदरी देवी को जिले के उपयुक्त कारण सत्यार्थी और पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह ने एक लाख रुपया का चेक भी दिया उन्होंने परिवार वालों से कहा कि सरकार व प्रशासन पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ है।हर सरकारी सुविधा दी जाएगी, जो संतोष के परिजनों को मिलना चाहिए। संतोष चाहता था कि गांव के अन्य युवा भी पुलिस में जाएं शहिद संतोष के बचपन के दोस्त सहदेव भगत जो की स्कूल और कॉलेज साथ में पढ़ाई किया। उसने बताया कि संतोष काफी मृदु भाषी था और हमेशा ही परिवार वालों के साथ-साथ गांव के बारे में सोचता रहता था। उसका समझ के अनुसार वह हमेशा गांव के युवाओं को देश सेवा में शामिल होने के लिए अभी से मेहनत करने का अपील भी करता रहता था। उसके मौत से काफी दुखित है मन व्यथित हैं और पूरे गांव में पीड़ा का माहौल है। संतोष की मौत के बाद पूरा तरह से बेसहारा हो गया है,क्योंकि पूरा परिवार का देखरेख की जिम्मेदारी संतोष के पास था। संतोष अपने भाई संतराम के दो बच्चे और अपने दोनों बच्चे सभी का पढ़ाई रांची के लिवंस एकेडमी स्कूल में कराते थे। संतोष का कहना था कि बच्चों को मैं पढ़कर शिक्षित जरूर बना दूंगा। तुम मां और घर का अच्छे से ख्याल करना। शहिद को डीसी और एसपी ने दिया सलामी शहिद के गांव तुरियाड़ीह में पहुंच कर जिले के उपयुक्त कारण सत्यार्थी और पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह के अलावे अभियान डीएसपी मनीष कुमार एसडीपीओ मनीष चंद्रलाल थाना प्रभारी अमित चौधरी सहित सीआरपीएफ की पूरी टीम ने सलामी दिया।वहीं अधिकारियों ने पुष्प समर्पित कर अंतिम विदाई भी दिया।