पति-पत्नी तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि अगर पति-पत्नी राजी हैं और उनमें सुलह की कोई गुइंजाइस नहीं है तो तलाक के लिए महीनों क्यों इंतजार किया जाए. उन्हें तुरंत तलाक मिल जाएगा. बता दें कि पहले पति-पत्नी को तलाक की अर्जी के बाद भी हफ्तों साथ रहना पड़ता था. लेकिन अब इसकी कोई जरुरत नहीं है. पति-पत्नी को अब संबंध सुधारने के लिए इंतजार करने की जरुरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने संविधान के आर्टिकल 142 का हवाला देते हुए ये फैसला सुनाया है.
पांच जज की बेंच ने सुनाया फैसला
बता दें कि तलाक मामले पर जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई की. इस बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस ए एस ओका, जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस जे के माहेश्वरी भी शामिल हैं. इस मामले पर बेंच की ओर से कहा गया, “हमने व्यवस्था दी है कि सुप्रीम कोर्ट के लिए किसी शादीशुदा रिश्ते में आई दरार के भर नहीं पाने के आधार पर उसे खत्म करना संभव है. अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को इसका अधिकार है.”
इस मामले की सुनवाई पर आया फैसला
दरअसल, जून 2016 में तलाक का एक मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच कर रही थी. जिसके बाद उन्होंने यह मामला संविधान बेंच को भेज दिया. जिसके बाद इस मामले की सुनवाई सितंबर 2022 को पूरी हुई. और फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. जिसपर आज बेंच ने फैसला सुनाया है.