पीएम ने 51 हजार से अधिक नवनियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किये

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Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि पिछले पांच वर्षों में देश के 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। इससे पता चलता है कि सरकार की योजनाओं का गरीब तक पहुंचना कितना बड़ा परिवर्तन लाता है।
प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों में नवनियुक्त 51 हजार से से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद संबोधित कर रहे थे। यह रोजगार मेला देश भर के 37 स्थानों पर आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि रोजगार मेला युवाओं के लिए ‘विकसित भारत’ का निमार्ता बनने का मार्ग प्रशस्त करता है।
रोजगार मेले में नवनियुक्त युवाओं को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में लाखों युवाओं को भारत सरकार द्वारा नौकरी देने का अभियान लगातार जारी है। आज 50 हजार से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। ये नियुक्ति पत्र आपकी कड़ी मेहनत और प्रतिभा का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि अब आप राष्ट्र निर्माण की उस धारा से जुड़ने जा रहे हैं जिसका सीधा संबंध जन कल्याण से है। विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्ति पाने वालों की प्राथमिकता देशवासियों के जीवन को सुगम बनाना होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान के मुख्य वास्तुकार, बाबासाहेब आम्बेडकर ने एक ऐसे राष्ट्र का सपना देखा था जो सभी को सामाजिक न्याय और अवसर की समानता प्रदान करे। दुर्भाग्य से स्वतंत्रता के बाद लंबे समय तक समानता के सिद्धांत की अनदेखी की गई। 2014 से पहले समाज का एक विशेष वर्ग कुछ मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया था। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक देश में समानता के सिद्धांत की अनदेखी की गई। मोदी ने कहा कि 2014 से हमने ‘वंचितों को वरीयता’ मंत्र को लेकर आगे बढ़ना आरंभ किया। सरकार खुद चलकर उन लोगों तक पहुंची, जिन्हें कभी योजनाओं का लाभ नहीं मिला।
प्रधानमंत्री ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि 5 वर्षों में देश के 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। इससे पता चलता है कि सरकार की योजनाओं का गरीब तक पहुंचना कितना बड़ा परिवर्तन लाता है। आज सुबह ही आपने देखा होगा कि ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ किस तरह गांव-गांव में जा रही है। आपकी तरह ही सरकार के कर्मचारी, सरकार की योजनाओं को गरीब के दरवाजे पर ले जा रहे हैं।