पिछले 24 साल में भारत है एक मात्र टीम जिसने दी ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत को चुनौती

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रंजीत कुमार

रांची: ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर छठवीं बार एक दिवसीय विश्व चैंपियन बन चुका है. वैसे ऑस्ट्रेलिया ने विश्व कप का पहला खिताब 1987 में ऐलन बॉर्डर की कप्तानी में जीत लिया था। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट का स्वर्णिम दौर शुरू हुआ था 1999 का विश्व कप जीतने के बाद. 1999 के विश्व कप फाइनल में भी पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के सामने घुटने टेक दिए थे। सईद अनवर, इंजमाम, वसीम अकरम और शोएब अख्तर जैसे बड़े खिलाड़ियों से सजी पाकिस्तान ऑस्ट्रेलिया के सामने फिसड्डी साबित हुए। पाकिस्तान के 132 के लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया ने 20 ओवर में हासिल कर लिया. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने 2003 और 2007 का विश्व कप अपराजेय रहते हुआ जीता।

जब ऑस्ट्रेलिया के लगातार 15 टेस्ट मैच को विजय रथ को रोका भारत ने

सन् 2001 के शुरूआत में ऑस्ट्रेलिया लगातार 14 टेस्ट जीत कर भारत आई थी। ऑस्ट्रेलिया के सामने टेस्ट जीतना तो दूर ड्रॉ कराना भी किसी टीम के बूते की बात नहीं था। ऐसा नहीं अन्य टीम में स्टार खिलाड़ियों की कमी थी। उस समय पाकिस्तान को ओर से वसीम अकरम, इंजमाम, शोएब अख्तर, दक्षिण अफ्रीका से जैक कैलिस, शॉन पोलॉक, डोनाल्ड वेस्ट इंडीज की ओर से ब्रायन लारा, वाल्श, चंद्रपॉल जैसे खिलाड़ी टीम का हिस्सा थे। इसके अतिरिक्त विश्व क्रिकेट में अपनी अपनी टीमो से स्टीफन फ्लेमिंग, संगकारा, जयवर्धने, फ्लिंटॉफ से खेलते थे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के सामने इनकी एक नहीं चलती थी। ऐसे में टेस्ट सीरीज का पहला मैच हारने और दूसरे टेस्ट में पहली पारी से पिछड़ने के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सीरीज में 2 -1 से हराकर क्रिकेट जगत को हतप्रभ कर दिया था।

स्टीव वॉ के बाद रिकी पोंटिंग की ऑस्ट्रेलिया टीम पहले से भी ज्यादा आक्रामक थी। यह टीम अपने मुकाबले एकतरफा जीतने में माहिर थी। 2003 और 2007 का एक दिवसीय वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया ने अपराजेय रहते हुए जीता। उसके बाद 2007 में ही पहली बार टी 20 वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ। मैथ्यू हेडन, गिलक्रिस्ट, साइमंड्स जैसे पावर हिटर से सजी ऑस्ट्रेलिया सबसे बड़ी दावेदार थी। लेकिन सेमीफाइनल में युवराज सिंह के शानदार प्रदर्शन से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था। 2011 के एक दिवसीय वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया लगातार तीन विश्व कप जीत कर आई थी, लेकिन भारत ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर उसका विजय अभियान रोका था।

भारत ने ही अन्य टीमो को दिखाया की ऑस्ट्रेलिया को हराया भी जा सकता है

2001 में ऑस्ट्रेलिया के लगातार 15 टेस्ट विजय अभियान को रोकना हो, या 2007 में टी 20 वर्ल्ड कप या 2011 में एक दिवसीय वर्ल्ड कप से क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को बाहर करना भारतीय टीम के ही बूते की बात थी। वर्ना पाकिस्तान, इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका के पास भले ही स्टार खिलाड़ियों की भरमार रही हो, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के सामने इन टीमो ने एकाध मौकों को छोड़ घुटने ही टेकने का काम किया है।