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रांची: झारखंड आंदोलन के अमर सेनानी, वीर शहीद निर्मल महतो की पुण्यतिथि के अवसर पर अबुआ अधिकार मंच द्वारा रांची स्थित जेल चौक पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर छात्रों और युवाओं की बड़ी भागीदारी रही, जिन्होंने मंच के नेतृत्वकर्ता गौतम सिंह एवं वेदांत कौस्तव के मार्गदर्शन में झारखंड आंदोलन के इस महानायक को श्रद्धापूर्वक नमन किया। अबुआ अधिकार मंच के अध्यक्ष गौतम सिंह ने कहा कि निर्मल महतो एक ऐसे जननेता थे, जिन्होंने व्यक्तिगत जीवन और राजनीति दोनों को झारखंड की मुक्ति और अधिकार की लड़ाई के लिए समर्पित कर दिया। उनका त्याग आज भी झारखंडी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। रांची विश्वविद्यालय के संयोजक अभिषेक शुक्ला ने कहा कि निर्मल महतो सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि झारखंड की अस्मिता, संघर्ष और बलिदान के जीवंत प्रतीक हैं। उन्होंने झारखंड राज्य की कल्पना को साकार करने हेतु अपने प्राणों की आहुति दी। वे केवल राजनीतिक योद्धा नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, युवाओं की भागीदारी और हाशिए के समाज की आवाज भी थे। उनका सम्पूर्ण जीवन आदिवासी-मूलवासी अधिकारों की रक्षा और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के लिए समर्पित रहा। आज की युवा पीढ़ी को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेते हुए सामाजिक न्याय, समानता और स्वाभिमान की लड़ाई को आगे बढ़ाना चाहिए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों ने एक स्वर में संकल्प लिया कि शहीद निर्मल महतो के अधूरे सपनों को साकार करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। सभा के दौरान छात्र-युवाओं ने उनके जीवन और विचारों पर प्रकाश डालते हुए यह भी कहा कि आज झारखंड को फिर से उसी वैचारिक दिशा और नेतृत्व की जरूरत है, जिसकी नींव निर्मल महतो और उनके जैसे आंदोलनकारी नेताओं ने रखी थी। कार्यक्रम के दौरान शहीद निर्मल महतो अमर रहें के नारों के बीच उपस्थित जनसमूह ने उनके विचारों को आत्मसात कर आगे बढ़ने का संकल्प लिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से अभिषेक शुक्ला, बिपिन कुमार यादव, विशाल कुमार यादव, दिवाकर प्रजापति, अर्जुन, कारण सिंह, ऋषभ मिश्रा, साह अफसर, अपूर्वा शुक्ला, दिवेश भारती, अंजना लिंडा, प्रतीक्षा कुमारी, अनुज कुमार, अमन, अमित, राजा, गौतम कुमार, प्रतीक, फ्रांसिस तिर्की,सहित मंच के अनेक सदस्य उपस्थित थे।
