श्रद्धा व उल्लास के साथ सपंन्न हुआ आस्था का महापर्व छठ

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लोहरदगा: जिले में लोक आस्था व सूर्य उपासना का महापर्व छठ श्रद्धा व उल्लास के माहौल में सपंन्न हुआ। सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देकर व्रतियों ने अपना व्रत पूरा किया। छठ पूजा का पर्व शुक्रवार से नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था। शनिवार को खरना करने के बाद छठ व्रतियों ने पूरा दिन अखंड उपवास किया। लोहरदगा जिला के तमाम जगहों पर इस पर्व की धूम रही। व्रतियों ने रविवार को जलस्त्रोत के समीप अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य दिया, वहीं सोमवार को उदीयमान सूर्य के उपासना के साथ पर्व का समापन हो गया। पवित्रता, उल्लास, उमंग के साथ श्रद्धालु छठ घाट पहुंचे थे। नये परिधानों, पूजन सामाग्री और सूप के साथ पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने भक्तिमय माहौल बना दिया। लोहरदगा के प्रमुख घाटों में सुबह तीन बजे से ही श्रद्धालु जुटने लगे थे। वहीं लोहरदगा के तमाम इलाकों में छठ का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। शहर से लेकर गांवों तक छठ पर्व को ले सनातन धर्मावलंबियों में काफी उत्साह देखा गया। विभिन्न तालाबों, जलाशयों व नदियों में हजारों छठ व्रतियों ने रविवार की शाम श्रद्धा पूर्वक अस्ताचलगामी तथा सोमवार की सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अर्ध्य अर्पित कर छठ माता की कृपा प्राप्त कीं। छठ महापर्व के दौरान हर जगह सौहार्द व सहयोग की भावना समाज के अन्य समुदाय के लोगों ने भी दिखाई। विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ से मेले जैसा माहौल बना रहा। जिले के विभिन्न स्थानों में भक्तिमय गीतों के स्वर से सारा शहर गूंजता रहा। नगर में छठ व्रतियों के लिए मुख्य रूप से बड़ा तालाब, ठकुराइन तालाब, बउली तालाब, शान्ति नगर स्थित धोबी घाट, सेरेंगहातू, दक्षिणी कोयल नदी स्थित सिठियो, भक्सो और शंख नदी स्थित छठ घाट में विशेष इंतजाम किये गये थे। हालांकि शहरी क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रही। दूसरी ओर शंख व कोयल नदी के विभिन्न घाटों पर छठ पर्व का आर्कषण देखने लायक था।