sunil verma
रांची : विश्व बाल दिवस के अवसर पर बाल अधिकारों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए रांची स्थित राजभवन को नीले प्रकाश से प्रकशित किया गया। विश्व बाल दिवस, संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौता को अंगीकार किए जाने के वर्षगांठ के अवसर पर हर वर्ष 20 नवंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया भर के बच्चों के अधिकारों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करना है। विश्व बाल दिवस यूनिसेफ का बच्चों के लिए, बच्चों के द्वारा थीम पर आधारित एक वैश्विक दिवस है, जो प्रतिवर्ष बाल अधिकार समझौता, जो कि दुनिया की अब तक की सबसे अनुमोदित मानवाधिकार संधि है, को स्वीकार किए जाने के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर पूरे भारत में प्रतिष्ठित सार्वजनिक इमारतों और स्मारक स्थलों को नीले प्रकाश से रोशन किया जाता है, जो कि बच्चों के अधिकारों के प्रति समर्थन और एकजुटता को प्रदर्शित करता है।
झारखंड के माननीय राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा मुझे दुनिया भर के उन सभी बच्चों के साथ अपनी आवाज जोड़ने पर गर्व है। अपनी समस्याओं जो कि उनकी शिक्षा, सुरक्षा, सशक्तीकरण और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी है, के समाधान की मांग रहे है। नीले प्रकाश से प्रकाशित राजभवन बच्चों के समर्थन का प्रतीक हैै। जो सभी लोगों से झारखंड के बच्चों के लिए एक सुरक्षित और कल्याणकारी वातावरण सुनिश्चित करने और सामूहिक प्रयास के माध्यम से बच्चों के हित में काम करने का आग्रह करती है। विश्व बाल दिवस बच्चों के हित में एजेंडा निर्धारित करने और बाल अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डॉ. कनीनिका मित्र ने कहा इस वर्ष के विश्व बाल दिवस का थीम जेंडर लेंस के माध्यम से किशोर-किशोरियों का सशक्तिकरण है। जो लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, सभी प्रकार के भेदभाव से मुक्त एक समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित करती है। इसका उद्देश्य बच्चों में जागरूकता बढ़ाना है, ताकि उन्हें स्वास्थ्य देखभाल, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा के अपने बुनियादी अधिकार मिल सकें। हर बच्चे के अधिकार को सुनिश्चित करना हम सभी का कर्तव्य है, क्योंकि यह सभी लड़कों एवं लड़कियों के लिए सुरक्षित और बेहतर भविष्य के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी को व्यक्त करता है। विश्व बाल दिवस, बच्चों के नेतृत्व में किए गए कार्यों को चिह्नित करता है और बाल अधिकार समझौता के महत्व की याद दिलाता है। यह बच्चों और युवाओं को अपनी चिंताओं को व्यक्त करने और उनके जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर बोलने के लिए भी एक मंच प्रदान करता है। राजभवन को नीले प्रकाश से र्प्रकाशित करना केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह सभी से बच्चों के हित में काम करने का आह्वान करता है, ताकि एकजुट होकर बच्चों को अपने अधिकारों का अहसास कराया जा सके और उनके लिए बेहतर समाज का निर्माण किया जा सके।दिल्ली में राष्ट्रपति भवन संसद भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय (उत्तर एवं दक्षिण ब्लॉक), कुतुब मीनार, इंडिया गेट और संयुक्त राष्ट्र कार्यालय को भी इस अवसर पर नीले प्रकाश से रोशन किया गया। एक प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है जिसने न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी बच्चों के अधिकारों को लेकर लोगों का ध्यान आकर्षित करने और उसके लिए काम करने हेतु प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।