Eksandeshlive Desk
प्रतापपुर(चतरा): झारखंड सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन तीसरी बार प्रतापपुर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में किया जा रहा है। यह आयोजन विभिन्न पंचायतों में 24 नवंबर से 26 दिसंबर तक किया जाना है।शिविर में सरकार की कई जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को ऑनस्पॉट दिया जा रहा है। शिविर के 12 वें दिन शुक्रवार को जोगीडीह पंचायत में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे हजारों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे तथा योजनाओं के बारें में जानकारी प्राप्त किए साथ हीं सर्वजन पेंशन, अबुआ आवास योजना , आधार सुधार, राशनकार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड आदि के लिए आवेदन जमा कराए। सबसे ज्यादा आवेदन किसी भी शिविर में अबुआ आवास योजना को लेकर लोगों के द्वारा दिया जा रहा है। शिविर में आने वाले ग्रामीणों के लिए पीने का पानी आदि की व्यवस्था नही होने से नाराजगी देखी जा रही है। वहीं कई पंचायतों में लगाए गए शिविर में सरकार के निर्देश के बाबजूद गरीबों को कंबल तथा धोती साड़ी आदि का वितरण नही किए जाने से लोगों में आक्रोश देखा गया।कई गरीब परिवार के लोगों का कहना है की शिविर में कंबल वितरण का बात सुनकर आते हैं लेकिन कंबल नहीं बांटा जा रहा है । गरीब आदमी का इस ठंड के मौसम में कंबल हीं एक सहारा है कंबल जब मांगते हैं तो मुखिया के द्वारा बाद में देने का बात कहा जाता है जब ठंड के समय नही बांटा जाएगा तब आखिर कब दिया जाएगा हम गरीबों को कंबल।
बताते चलें की सरकार के द्वारा जारी निर्देशानुसार प्रत्येक शिविर में कल्याण मंच स्थापित कर तथा उसके माध्यम से शिविर में हीं लाभुकों के बीच योजनाओं से संबंधित लाभों तथा परिसंपतियों जैसे धोती साड़ी , कंबल आदि का वितरण किया जाना है। परंतु इसके उलट पंचायत टंडवा , गजवा, मोनिया, बरूरा, डुमरवार और गुरुवार को प्रतापपुर पंचायत भवन परिसर में लगाए गए सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में एक भी कंबल और न हीं एक भी धोती साड़ी का वितरण गरीबों या लाभुको के बीच किया गया। बेचारे गरीब एक अदद कंबल की आस लगाए आखिरकार घर लौट गए। अब सवाल यह है की कई हजार कंबल जो पंचायत में लगाए जा रहे सरकार आपके द्वार कार्यक्रम शिविर में गरीबों लाभुको को बांटने के लिए आया है वह कहां है।।तथा ब्लॉक कार्यालय के किस कोने में धूल फांक रहा है यह बड़ा सवाल है। जिसका जवाब देने लिए कोई तैयार नहीं है।